नवादा में मिनी शराब फैक्ट्री का खुलासा : जमीन के नीचे छिपाकर रखी गयी थी भारी मात्रा में देसी शराब, पुलिस ने की खुदाई तो ठनका माथा

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 Mini liquor factory exposed in Nawada  Mini liquor factory exposed in Nawada

NAWADA :बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। उसके बावजूद भी प्रदेश में शराबखोरी और शराब की बिक्री कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकार जमीन, जल और आकाश तीनों के ऊपर निगरानी रखे हुए है। उसके बाद भी बिहार में शराब की बिक्री और तस्करी कम नहीं हो रही है।

नवादा में मिनी शराब फैक्ट्री का खुलासा

नवादा पुलिस ने ऐसे ही एक ठिकाने पर छापा मारा है, जहां देशी शराब को जमीन के नीचे छुपाकर रखा गया था। गोविंदपुर थाना की पुलिस ने पचवानी गांव में बड़े पैमाने पर जावा महुआ और देसी शराब को जब्त किया है। जमीन के अंदर गाड़कर देसी शराब छुपाकर रखी गयी थी।

जमीन के नीचे छिपाकर रखी गयी थी देसी शराब

नवादा पुलिस को अनुमान नहीं था कि शराब माफिया देसी शराब का गुप्त तहखाना कुछ ऐसा बनाएंगे कि उसे खोजने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के पचवानी गांव में पुलिस कुदाल लेकर पहुंची और खेत की खुदाई की। जब पुलिस की नजर जमीन के अंदर पड़ी तो पुलिस भी चौंक गई। जमीन के अंदर कई प्लास्टिक के ड्रम से शराब निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला हजारों लीटर महुआ घोल को छिपाकर रखा गया था।

पुलिस ने की खुदाई तो ठनका माथा

पुलिस उस वक्त दंग रह गई, जब खेत में जगह-जगह कई प्लास्टिक के ड्रम में शराब निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला महुआ घोल निकलने लगा। पुलिस ने मौके पर करीब 2000 लीटर महुआ घोल को विनिष्ट किया। वहीं, मौके पर पुलिस ने शराब बनाने वाले उपकरण को भी पूरी तरह नष्ट किया। इस दौरान पुलिस ने कई शराब की भट्ठियों को नष्ट किया है।

शराब माफिया ने पुलिस की नजर से बचने के लिए शराब निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला महुआ घोल के प्लास्टिक ड्रम को जमीन के नीचे करीब 6 से 7 फीट गहरे गड्ढे में डालकर उसे ढक दिया था। इस दौरान पुलिस टीम ने सभी महुआ को जमीन से निकाल कर उसे नष्ट कर दिया है।

वहीं, पुलिस से बचकर शराब माफिया निकल भागे। सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब का अवैध कारोबार चलता है। थानाध्यक्ष राजीव कुमार पटेल ने बताया कि कारोबारी खेत में गड्ढा खोद कर ड्रम आदि में महुआ घोल छुपा कर रखने के बाद उसका महुआ शराब तैयार करके उसकी तस्करी करते थे। छापेमारी की भनक लगते ही शराब बनाने वाले फरार हो गये। किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। शराब कारोबारियों को चिह्नित किया जा रहा है।