दर्दनाक हादसा : जंगली हाथी ने एक बुजुर्ग की ली जान, गांव में दहशत का माहौल

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हजारीबाग : बड़ी खबर हजारीबाग से है जहां दारू थाना क्षेत्र के हरली के अलौदी ताड़ में हाथियों के झुंड से बिछुड़े एक भटके हाथी ने एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं वन विभाग की टीम मृतक के परिजन को ग्रामीणों के समक्ष 50,000 की तात्कालिक सहायता राशि दी.

परिवारवालों ने बताया कि सुरेश विश्वकर्मा बुधवार रात रामगढ़ के चैनपुर बड़गांव बारात गए थे. वापस लौटते समय गुरुवार सुबह करीब 4 बजे जैसे ही वह हरली रोड से अपने घर की ओर बढ़े तोरास्ते में अचानक एक हाथी सामने आ गया और उस पर हमला कर दिया. हाथी के हमले से सुरेश की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

घटना की सूचना मिलते ही दारू थाना प्रभारी शफीक खान दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया. कुछ देर बाद वन विभाग की टीम भी घटना स्थल पर पहुंची और पूछताछ के बाद मृतक के परिवार को मुखिया एवं ग्रामीणों के समक्ष 50,000 की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की. साथ ही आश्वासन दिया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य कागजी प्रक्रिया के बाद बची राशि 3,50,000 की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी.

गांव में आक्रोश और डर का माहौल

प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 10 दिनों से हाथियों का झुंड क्षेत्र में घूम रहा है, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार फोन करने के बावजूद वन विभाग के कर्मचारी फोन नहीं उठाते. हाथियों ने कई बाउंड्री फसल का नुकसान करते आ रहा है.

हरली पंचायत की मुखिया फरजाना खातून ने वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हाथियों के लिए स्पष्ट कॉरिडोर न होने के कारण ऐसी घटनाएं हो रही है और आम लोग लगातार खतरे में है.

हाथी हो गया था आक्रामक

पूर्वी वन क्षेत्र के वनरक्षी कुंदन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में दो-तीन हाथियों के झुंड हैं, जिनमें से एक हाथी झुंड से अलग हो गया और आक्रामक हो गया. इसी हाथी ने घटना को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि हाथी को जल्द से जल्द उसके कॉरिडोर में सुरक्षित भेजने का प्रयास किया जा रहा है.

मृतक सुरेश विश्वकर्मा लोहार का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. उनके चार बच्चे हैं–तीन बेटियां और एक बेटा. अब परिवार मुआवजे और सुरक्षा की गुहार लगा रहा है.

प्रशासन की लापरवाही और जंगल राज की छाया ने एक और घर उजाड़ दिया है. सवाल यही है–क्या अगला नंबर किसका होगा?

हजारीबाग से धीरज कुमार की रिपोर्ट--