सावन की अंतिम सोमवारी आज : सोमवार पर प्रदोष व्रत का है संयोग, देवघर में अहले सुबह से श्रद्धालु कर रहे हैं भगवान शिव की पूजा
देवघर:आज सावन की अंतिम सोमवारी है. इसके अलावा आज प्रदोष काल का भी संयोग है. ऐसा माना जाता है कि सोमवारी और प्रदोष काल का संयोग अति उत्तम होता है. इस दिन व्रत करने और भोलेनाथ को जल अर्पण करने से नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है.
बाबानगरी मेंसावन की अंतिम सोमवारी पर पिछले सोमवारी की तरह आज आस्था का महा जन सैलाब नहीं उमड़ी. लेकिन फिर भी कांवड़ियों की कतार बीएड कॉलेज तक पहुंच गई. आज सुबह सरदारी पूजा संपन्न करने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट करीब4:00बजे खोला गया. देवघर डीसी विशाल सागर और देवघर एसपी लगातार मंदिर और रूट लाइन का निरीक्षण करते रहे. देर रात10:00बजे से ही भक्त कतार में खड़े हो गए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे.
देवघर बैद्यनाथ धाम के सरदार पंडा ने बताया कि आज सोमवारी और प्रदोष का संयोग है और संतान प्राप्ति के लिए यह दिन उत्तम व्रत का माना जाता है. आज सरदार पांडा के द्वारा ही सरदारी पूजा संपन्न कराई गई.
डीसी विशाल सागर ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं अन्य सोमवारी की तरह ही दुरुस्त रखी गई है. पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के समय में परिवर्तन करते हुए आज उन्हें 8 घंटा की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी दी गई है. इसके अलावा सभी जगह दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं. सुबह से ही जलार्पण सामान्य रूप से कराया जा रहा है. श्रद्धालुओं को ज्यादा दिक्कत ना हो इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई है. शीघ्र दर्शन काउंटर भी समय से पहले खोला गया. देवघर डीसी ने कहा कि सोमवारी के बाद रक्षाबंधन है और ऐसे में अब श्रद्धालु कम संख्या में आएंगे. 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. प्रशासन का अनुमान है कि आज करीब 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जलार्पण करेंगे. कुल मिलाकर 2 महीने तक चलने वाला राजकीय श्रावणी मेला का अब अंतिम पड़ाव है और आज आखिरी सोमवारी के बाद भीड़ छटनी शुरू हो जाएगी.