PM In Darbhanga : PM मोदी ने बिहार को दी बड़ी सौगात, दरभंगा AIIMS का किया शिलान्यास, जानिए कबतक बनकर होगा तैयार
PM In Darbhanga :देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार को एक और बड़ी सौगात दी है। पीएम मोदी ने आज दरभंगा के शोभन में देश के 23वें और बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण की आधारशिला रखी। दरभंगा में 188 एकड़ जमीन पर 1700 करोड़ की लागत से AIIMS का निर्माण होगा, जो 36 महीने में पूरा होगा। एम्स के साथ प्रधानमंत्री कुल 12 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसके अलावा 398 करोड़ की लागत से बनने वाली दरभंगा बाइपास रेल लाइन का भी वर्चुअली उद्घाटन किया। उन्होंने मंच से ही झंझारपुर-लौकहा बाजार ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
PM मोदी ने शारदा सिन्हा को किया याद
दरभंगा एम्स का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने दरभंगा वासियों को संबोधित किया और कहा कि झारखण्ड के लोग विकसित प्रदेश को लेकर मतदान कर रहे हैं लिहाजा अधिक से अधिक संख्या में लोग मतदान करें। साथ ही मिथिला की धरती की बेटी शारदा सिन्हा जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने भोजपुरी और मैथिली संगीत की जो सेवा की है, वो अद्भुत है। खासतौर पर छठ पर्व की महिमा को अपने गीतों के जरिए पूरी दुनिया में पहुंचाया, वो अद्भुत है।
12 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण
आज बिहार समेत पूरा देश विकास के बड़े-बड़े लक्ष्यों को पूरा होते देख रहा है। हम विकसित भारत की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं और इसे पूरा करने में योगदान दे रहे हैं। हमारी सरकार देश की सेवा के लिए , लोगों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। सेवा की इसी भावना से विकास से जुड़े 12 हजार करोड़ रुपये के एक ही कार्यक्रम में अलग-अलग प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इसमें रोड, रेल और गैस इंस्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं।
दरभंगा एम्स से आसपास के इलाकों को होगा फायदा
पीएम मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स के निर्माण से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। इससे मिथिला, कोसी और तिरहुत क्षेत्र के अलावा पश्चिम बंगाल और आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों को सुविधा होगी। नेपाल से आने वाले मरीज भी दरभंगा एम्स में इलाज करा सकेंगे। इससे रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर बनेंगे। मैं पूरे बिहार को इन विकास कार्यों के लिए बधाई देता हूं।
हमारे देश में सबसे बड़ी आबादी गरीब और मध्यम वर्ग की है और बीमारी भी सबसे अधिक इन्हीं वर्गों को प्रभावित करती है, इस वजह से इलाज पर इनका खर्च अधिक होता है। हम सब उसी पृष्ठभूमि के हैं। घर में कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ता है तो कैसे पूरा घर संकट में आ जाता है, इस चिंता को हम भलीभांति समझते हैं। अस्पताल पहले बहुत कम थी, ड़ॉक्टर कम थे, दवाइयां महंगी थी। यहां बिहार में जबतक नीतीश जी सरकार में नहीं आए थे, तबतक गरीबों की चिंता किसी को नहीं थी। ऐसी स्थिति में हमारा देश कैसे आगे बढ़ता इसलिए पुरानी सोच और अप्रोच दोनों बदला।
हमारी सरकार देश में स्वास्थ्य को लेकर बेहतर अप्रोच के साथ काम कर रही है। हमारा फोकस बीमारी से बचाव, बीमारी की सही तरीके से जांच और मुफ्त सस्ता इलाज मिले, छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतरीन सुविधा पहुंचाना और डॉक्टरों की कमी को दूर करना और स्वास्थ्य सेवाओं में टेक्नोलॉजी का विस्तार करना हमारा लक्ष्य है। लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट भी चलाया जा रहा है। स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने मुख्य सचिव का जताया आभार
पीएम मोदी ने मुख्य सचिव के साथ-साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार भी व्यक्त किया, जिन्होंने स्वच्छता अभियान को लेकर लोगों को जागरूक किया। देशभर में डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान भारत मंदिर बनाए हैं, जो कैंसर समेत कई बीमारियों के बारे में शुरू से ही पता लग सकता है। अबतक 4 करोड़ से अधिक गरीब मरीजों का इलाज हो चुका है। अगर ये योजना नहीं होती तो अधिकतर लोग अस्पताल में भर्ती ही नहीं हो पाते। इनगरीबों का इलाज सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी हुआ है। करोड़ों परिवार को करीब सवा लाख रुपये की बचत हुई है। अगर ये सरकार ने देने की घोषणा की होती तो देशभर की मीडिया में ये हेडलाइन चलता।
'मुफ्त इलाज की सुविधा होगी शुरू'
मैंने आपको गारंटी दी थी कि 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त इलाज की योजना में लाया जाएगा, इसे मैंने पूरा कर दिया है। अब मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू हो गयी है। सभी के पास आयुष्मान के साथ-साथ वंदना कार्ड होगा। जनऔषधि केन्द्रों पर बहुत कम कीमत पर दवाइयां दी जा रही हैं। डॉक्टरों की कमी को दूर करना हमारा मुख्य लक्ष्य है। पहले देश में मात्र एक ही एम्स था, वो दिल्ली एम्स था लेकिन एनडीए सरकार के आने के बाद एम्स की संख्या में इजाफा हुआ है। अब देश के कोने-कोने में एम्स बनाए। अब देश में दो दर्जन से अधिक एम्स है। मेडिकल कॉलेज की संख्या भी दोगुनी हुई है।
दरभंगा एम्स से भी हर साल बिहार के अनेक युवा डॉक्टर बनकर सेवा के लिए निकलेंगे। पहले डॉक्टर बनना हो तो अंग्रेजी आना जरूरी था लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमारी सरकार ने तय किया है कि अब डॉक्टर बनना है या इंजीनियर अपनी मातृभाषा में पढ़कर बन सकता है। ये काम कर्पूरी ठाकुर जी को पूरी श्रद्धांजलि है। हम आने वाले 5 सालों में मेडिकल की 75 हजार सीटें जोड़ने वाले हैं। हम हिन्दी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई की सुविधा दे रहे हैं।
'बिहार में जल्द बनेगा आंख का अस्पताल'
हमारी सरकार ने कैंसर से लड़ाई का भी अभियान छेड़ा है। मुजफ्फरपुर में जो अस्पताल बन रहा है, वहां कैंसर के सभी मरीजों का इलाज होगा। अब यहां के लोगों को दिल्ली और मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही आंख का भी बड़ा अस्पताल बिहार में बनने जा रहा है। अभी काशी में आंख का बहुत बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है।
दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह को PM ने किया याद
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा स्टेट के महाराजा रहे कामेश्वर सिंह को याद किया। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले और बाद में भारत के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। काशी में भी उनके कार्यों की बहुत चर्चा होती है। कामेश्वर सिंह के समाज कार्य दरभंगा का गौरव है। हम सभी के लिए प्रेरणा है।
CM नीतीश ने जतायी खुशी
दरभंगा एम्स के शिलान्यास के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज को एम्स में तब्दील करने की बात कही गई थी। मगर उसमें थोड़ी दिक्कत आई थी। फिर शोभन में एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया गया। इसे अब स्वीकार कर लिया गया है। राज्य सरकार इस तक पहुंच बनाने के लिए रास्ता चौड़ा करने जा रही है। डीएमसीएच में एम्स बनाना संभव नहीं था। नई जगह एम्स बनने से दरभंगा से विस्तार होगा।
इसके साथ ही CM नीतीश ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन है। दरभंगा एम्स का शिलान्यास पीएम मोदी के द्वारा किया जा रहा है। इससे बिहार के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलेगी। 2003 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पहली बार पटना में एम्स के निर्माण का फैसला लिया गया था। पटना में एम्स बना और काफी लोग इलाज कराने यहां आते हैं। दूसरी बार, पीएम नरेंद्र मोदी का शासन शुरू हुआ तो 2015 में भी बिहार में दूसरे एम्स का निर्णय लिया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से हम जाकर मिले थे।