नवविवाहिता कर रही पति की लंबी उम्र की कामना : बागों से फूल तोड़ कर रही मधुश्रावणी पूजा

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समस्तीपुर : मिथिलांचल की नवविवाहिताओं का मुख्य पर्व मधुश्रावणी सोमवार व पंचमी तिथि से शुरू हो गया। इस पर्व को नवविवाहिताएं अपने मायके में मनाती हैं। बता दें कि मधुश्रावणी पर्व जीवन में सिर्फ एक बार शादी के पहले सावन में मनाया जाता है। इस व्रत में पत्नी अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। इसमें विशेष पूजा गौरी शंकर की होती है।

इस पर्व में नवविवाहिताएं नमक के बिना 14 दिन भोजन ग्रहण करती हैं। इस व्रत में अनाज, मीठा भोजन खाया जाता है। व्रत के पहले दिन फलाहार किया जाता है। इन दिनों सुहागन व्रत रखकर मिट्टी और गोबर से बने विषहारा और गौरीशंकर की विशेष पूजा कर कथा सुनती हैं। मधु श्रावणी व्रत के अंतिम दिन टेमी दागने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है।

रोसड़ा के शिवाजीनगर प्रखंड के बलहा गांव की रहने वाली CRPF जवान सीमा कुमारी शादी के पहले साल के सावन महीने पर लंबी छुट्टी लेकर अपने मायके में पूरी निष्ठा के साथ दुल्हन की तरह सज धज कर मधुश्रावणी पर्व में भाग ले रही है। अपनी सहेलियों के साथ झुंड बनाकर मैथिली लोकगीत गाते हुए घर के आस-पास सहित गांव में भ्रमण कर रंग-बिरंगे फूल पतो को इकट्ठा कर फुल लोढ़ी में भाग लेकर पूजा में रोज बासी फूलों एवं पतियों से मिट्टी एवं गोबर से बने नाग-नागिन की पूजा कर बुजुर्ग महिला के द्वारा कहे गए कहानियां व कथाएं रोज सुनती हैं। 14 दिन बाद टेमी दाग के बाद पूजा समाप्ति पर पुनः दिल्ली में अपने ड्यूटी पर तैनात हो जाएंगी।

CRPF महिला जवान सीमा कुमारी ने बताया कि मिथिलांचल में नवविवाहिता महिलाओ के लिए यह पूजा खास है सीआरपीएफ में दिल्ली में पोस्टिंग है मधुश्रावणी पुजा को ले खास छुट्टी लेकर अपने मायके बलहा गांव आयी है, 14 दिनों तक चलने वाला मधुश्रावणी पूजा में भाग लेकर काफी खुशी महसूस कर रही है।

वहीँ फूल लोढ़ी के दौरान सीमा की सहेली सोनी, चमचम, मौसम, जुगनू, चंदा देवी ने बताया कि मधुश्रावणी पूजा के दौरान माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा अर्चना की जाती है, इस पूजा में पत्नी अपने पति के लंबी आयु के लिए ससुराल से आए हुए अनाज से तैयार किए गए भोजन को ग्रहण कर दिन में व्रत कर पूजा बाद भोजन करती है।


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