सुपौल में कोसी मचा रही तबाही : 200 से अधिक घर नदी में बहे, तेजी से हो रहे कटाव देख ग्रामीण हैरान
सुपौल : सदर प्रखंड में कोसी नदी का कटाव जारी है, जिससे मुंगरार, बलवा और डुमरिया गांव में व्यापक तबाही हो रही है. अब तक 200 से अधिक घर कट चुके हैं, और एक मंदिर भी नदी में समा गया है. इस आपदा से प्रभावित लोगों के लिए विस्थापन एक बड़ी चुनौती बन गई है. सरकारी नावों की अनुपलब्धता के कारण प्रभावित लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. निजी नाव संचालक इस आपदा का फायदा उठाते हुए दो हजार से अधिक रुपये वसूल रहे हैं. स्थानीय निवासी अपने घर-बार छोड़ने को मजबूर हैं और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. नावों की कमी के कारण लोगों को अपने सामान और मवेशियों को सुरक्षित निकालने में भी परेशानी हो रही है.
मुंगरार गांव के एक निवासी ने बताया, "हमारे गांव में कटाव इतनी तेजी से हो रहा है कि हम अपनी संपत्ति और जीवन को सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी नावें उपलब्ध नहीं हैं और निजी नाव संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं।" बलवा गांव के एक अन्य निवासी ने कहा, "सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। हमें खुद ही अपनी सुरक्षा का इंतजाम करना पड़ रहा है।" इस आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है. राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से शुरू करने की जरूरत है ताकि प्रभावित लोगों को सहायता मिल सके. कोसी नदी के कटाव से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने और सुरक्षित विस्थापन के लिए सरकारी नावों की व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक है.
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द राहत और पुनर्वास की मांग की है, लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. कोसी नदी के लगातार कटाव से गांव के लोग भयभीत हैं और उनकी परेशानियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस कठिन परिस्थिति में सरकारी तंत्र की निष्क्रियता ने लोगों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे तुरंत राहत कार्यों को तेज करें और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं. केवल इसी तरह से इस आपदा से निपटा जा सकता है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जा सकता है.
सुपौल से विष्णु गुप्ता की रिपोर्ट