कोरोना से बचाव को लेकर डीएम ने की बैठक : जागरुकता फैलाने के साथ ही अपने संसाधनों को दुरुस्त रखने को दिया आदेश

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दरभंगा : जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों देखते हुए इससे बचाव को लेकर जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के साथ ऑनलाईन समीक्षा बैठक आयोजित की गई । बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रखण्डों में कोरोना से बचाव के उपाय का लगातार माईकिंग कराकर प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए। इसके लिए प्रखंड स्तर पर उपलब्ध सभी संसाधनों का प्रयोग किया जाए।

वही जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर गाँव-गाँव में जागरूकता फैलावाने का निर्देश दिया। साथ ही अगर उनके क्षेत्र में कोई संक्रमित हुआ है, तो वे उसकी जाँच करावें। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नियमित रूप से टेस्टिंग करने का निर्देश दिया और शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग की संख्या दोगुनी/तीगुनी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी का रैपिड एन्टीजन टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो पुनः आर.टी.पी.सी.आर. कराने की जरूरत नहीं है। यदि रिपोर्ट निगेटिव आता है और कोरोना के लक्षण विद्यमान हैं, तो आर.टी.पी.सी.आर. जाँच करायी जा सकती है।

उन्होंने चिकित्सकों को प्रतिदिन पॉजिटिव मरीज से दूरभाष के माध्यम से 07 दिनों तक उनका हाल-चाल लेते रहने का निर्देश दिया तथा वैकल्पिक दिवस में चिकित्सक उनके घर जाकर देखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि अभी भी अधिकतर लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, जबकि इस महामारी से बचने का सर्वोत्तम उपाय एन-95 मास्क का प्रयोग या सर्जिकल मास्क के साथ कपड़े का मास्क का प्रयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दुकानदार भी कुछ मास्क रखें, ताकि कोई ग्राहक बिना मास्क के पहुँचे तो उन्हें मास्क उपलब्ध करावें।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्तर पर पूर्वाह्न 09ः00 बजे से रात्रि 09ः00 बजे तक कोरोना जाँच की व्यवस्था की गयी है। कोरोना जाँच में गतिमान आयु वर्ग (21 वर्ष से 50 वर्ष) पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिनमें संक्रमण के लक्षण मिले, उनकी जाँच करवा ली जाए। वही उन्होंने कहा कि सभी प्रखण्डों के कोविड केयर सेन्टर को दुरूस्त कर लिया जाए। जिले में 926 बी. टाईप का भरा हुआ ऑक्सीजन सिलीण्डर उपलब्ध हैं। यदि किसी प्रखंड में कमी है, तो माँग कर लें। साथ ही ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को दुरूस्त करवा लिया जाए। टीकाकरण की कार्य-योजना बनाकर उपलब्ध कराये जा रहे टीके का तुरंत उपयोग किया जाए।

उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेन्टर के रूप में चिन्ह्ति किया गया है। अनुमण्डल स्तर पर टीम बना ली जाए, जो यह जाँच करेंगी कि निजी अस्पतालों में ईलाज सरकार द्वारा निर्धारित मानक एवं दर पर किया जा रहा है कि नही। उन्होंने कहा कि सभी अपनी-अपनी व्यवस्था का ड्राई-रन कर देख लें तथा प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। पॉजिटिव मरीजों को ससमय एम्बुलेन्स मिले, इसकी व्यवस्था प्रखण्ड स्तर पर रखी जाए, यदि कहीं एम्बुलेंस की कमी है, तो भाड़े पर रख ली जाए। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा टेस्टिंग होगी, उतना ज्यादा बचाव होगा।


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