वृंदावन की तर्ज पर होली : SAMASTIPUR के भिरहा गांव की होली में शामिल होतें हैं देश-विदेश के कलाकार और GUEST.


रोसड़ा (समस्तीपुर)--- यूं तो होली के अवसर पर बिहार समेत पूरे देश भर में अलग अलग तरह के समारोह आयोजित किए जातें हैं..पर समस्तीपुर जिले के रोसड़ा के भिरहा गांव में होली का आयोजन अलग तरीके से किया जाता है,जिसे देखने बिहार सहित आसपास के राज्यों के लोग आतें हैं. बिहार में प्रसिद्ध भिरहा गांव की होली अपनी एक अलग पहचान रखती है.
इस गांव के हर जाति धर्म के लोगों के सहयोग से आयोजित होलिका दहन के दौरान गांव में सबसे ऊंची ध्वजारोहण की जाती है और फिर वृंदावन की तर्ज पर होली खेलते है. बच्चों से लेकर हर पुरुष महिलाओं के चेहरे पर होली को लेकर उमंग झलक रहा है, भिरहा गांव में होली को लेकर लोग तीन भागों में पुरवारी टोल पछियारी टोल और उत्तरवारी टोल में बटकर होली मनाते हैं, तीनों टोलों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रेष्ठता साबित करने की होड़ लगी रहती है, होलिका दहन की रात से ही पूरे गांव को रंग बिरंगे लाइटों एवं पंडालों से सजाकर अलग अलग निर्धारित स्थान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
गांव में अतिथियों के लिए प्रवेश करने वाले मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े तोरण द्वार बनाए गए हैं और प्रथम स्थान लाने वाले बैंड सदस्यों को इनाम से नवाजा जाता है, होली के दौरान लोग अपने अपने घरों में होली खेलकर होली के दिन पूरे गांव के रंगों की पिचकारी से पोखर के पानी को गुलाबी रंग से रंग दिया जाता है, जिसके बाद गांव में लोग गाजे-बाजे के बीच भाईचारे का मिसाल देकर कुर्ता फार होली खेला करते हैं, जिसे देखने समस्तीपुर जिला सहित आसपास के लोग पहुंचा करते हैं,
भिरहा गांव के प्रसिद्ध होली को लेकर गांव के लोगों ने बताया कि होलिका दहन की रात से ही भिरहा गांव में जगमगाती रोशनियों के बीच तीनों टोले में गांव के मध्य अवस्थित तीन मंदिर के परिसर में रातभर नृत्य और संगीत का दौर चलता रहता है. इसके लिए बनारस, कलकत्ता और मुजफ्फरपुर से गायिका और नृत्यांगना को बुलाया जाता है. साथ ही देश के प्रसिद्ध और मशहूर बैंड भी बुलाया जाता है. इन बैंड के कलाकारों के बीच प्रतियोगिता होता है. इस दौरान क्षेत्र के लाखो लोग उपस्थित रहते हैं. होली के दिन भी नृत्य का आनंद लेने के पश्चात तीनों टोली दोपहर बाद गांव में स्थित फगुआ पोखर पहुँचती है. जहां पूरे गांव के रंगों की पिचकारी से पोखर के पानी को गुलाबी रंग किया जाता है . इसके पश्चात गाने की धुन पर एक-दूसरे को रंग डालकर लोग जश्न मनाते है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस बार कोरोना नियम की पाबंदियां नहीं है तो तीनों टोला एक दूसरे से खुद के आयोजन को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की तैयारी की गई है. होली पोखर को ग्रामीणों के सहयोग से साफ-सफाई किया गया है. इस बार पछियारी टोल द्वारा विशाल बैंड जबलपुर,पुरबारी टोल में राजकुमार बैंड जबलपुर मध्यप्रदेश और उतरवारी टोल द्वारा पटना के मशहूर शेरे पंजाब बैंड को बुलाया गया है . वहीं नृत्यांगना और गायिकाएं कलकत्ता, बनारस और मुजफ्फरपुर से लाया गया है।
इधर होलिका दहन की रात में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य कार्यक्रम को देखने लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी, लोग शांति व्यवस्था के साथ सरकारी दिशा निर्देशों का पालन कर होली पर्व हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं।