कांग्रेस ने की लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा : सामने आया अंतर्कलह, भागलपुर जिलाध्यक्ष ने अजीत शर्मा पर लगाया बड़ा आरोप
PATNA :लोकसभा चुनाव 2024 के समापन के बाद अब सियासी पार्टी अपनी हार की समीक्षा करने में जुट गयी है। इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आज जिलाध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने की।
बिहार कांग्रेस में अंतर्कलह
कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में हुई इस मीटिंग के दौरान पार्टी का अंतर्कलह स्पष्ट तौर पर देखने को मिला, जब भागलपुर के जिलाध्यक्ष परवेज़ जमाल ने कांग्रेस प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता अजीत शर्मा पर बड़ा गंभीर आरोप लगा दिया। परवेज जमाल ने कहा कि भागलपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है, वहां राहुल गांधी की रैली के बाद लोगों का जोश हाई था लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के अहंकार की वजह से हम ये चुनाव हारे। अजीत शर्मा में अहंकार काफी अधिक था।
इसके साथ ही भागलपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष परवेज जमाल ने कहा कि जेडीयू उम्मीदवार अजय मंडल के खिलाफ चुनाव के दौरान काफी नाराजगी थी लेकिन इस दौरान अजय मंडल काफी विनम्र थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा घमंड में चूर थे। दूसरी बड़ी बात कि इस मीटिंग में कई जिलों के जिलाध्यक्ष शामिल नहीं हुए।
प्रदेश अध्यक्ष ने लिया फीडबैक
इस बैठक में जिलाध्यक्षों से बारी-बारी से प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने फीडबैक लिया कि किस सीट पर कैसी राजनीति हुई। कहीं कोई भीतरघात तो कांग्रेस के साथ नहीं हुआ। कांग्रेस बेहतर अपना परफॉर्मेंस कैसे दे सकती थी। बंद कमरे में हुई बैठक में जिलाध्यक्षों ने खुलकर अपनी बात रखी। कई जिलाध्यक्षों ने कहा कि कांग्रेस को बिहार में अकेले अपने बलबूते चुनाव चुनाव लड़ना चाहिए।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 9 सीटों पर बिहार में लोकसभा का चुनाव लड़ा था और तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक सीट पर चुनाव जीती थी। वह सीट किशनगंज थी। तब आरजेडी जीरो पर आउट हो गई थी। बैठक में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, विधायक अजय कुमार सिंह सहित कई नेता शामिल हुए।
बिहार कांग्रेस की बैठक पर सियासत तेज
वहीं, बिहार कांग्रेस की मीटिंग के बाद सियासत भी तेज हैं। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी का कहना है कि बूथस्तर की कमिटी बननी चाहिए लेकिन ये कमिटी सिर्फ कागज पर बन रही है। कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। कहा जा रहा है कि आप सिर्फ एक महीने के अंदर बना लीजिए, ऐसा थोड़े ही होता है।
वहीं, जेडीयू ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस का हाल वही है कि ऊपर से फीटफाट और नीचे से मोकामा घाट। हालात ये है कि कांग्रेस पार्टी किस बात की समीक्षा कर रही है। टिकट तय करने का अधिकार आपको नहीं है। टिकट 10 नंबर बंगला के लालू प्रसाद की अनुमति के बगैर हिलना भी मना है तो समीक्षा किस बात की कर रहे हैं। अब कांग्रेस पार्टी को कहना बचना है।