BPSC अध्यापकों ने शुरू किया पढ़ाना : शिक्षकों की कमी पूरी हुई तो क्लासरूम का पड़ा टोटा,केके पाठक ने सभी DM को लिख दिया पत्र

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When BPSC teacher reached school, classroom became insufficient, KK Pathak wrote a letter to DM When BPSC teacher reached school, classroom became insufficient, KK Pathak wrote a letter to DM


PATNA :- बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC)द्वारा 1.20 लाख शिक्षकों को नियुक्ति के बाद उनके अपने-अपने स्कूलों में योगदान का काम लगभग पूरा हो गया है.अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में की गयी है.इन शिक्षकों के योगदान के बाद कई स्कूलों में शिक्षकों के बैठने और क्लासरूम की समस्या खड़ी हो गयी है.क्योंकि काफी संख्या में ऐसे में स्कूल हैं जहां दो कमरे हैं और वहां 5 शिक्षक या उससे ज्यादा शिक्षक पहुंच गये हैं.अब इस समस्या को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केक के पाठक ने नया आदेश जारी किया है.केके पाठक ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है,जिसमें शिक्षकों की संख्या के अनुरूप या उससे ज्यादा क्लास रूम तैयार करने का निर्देश दिया है और इसके लिए जरूरी राशि भी जारी करने की बात कही है.


BPSC शिक्षकों ने क्लास लेना किया शुरू

केके पाठक ने सभी जिलाधिकारी को संबोधित पत्र में लिखा है कि आप सभी अवगत है कि 1.10 हजार विद्यालय अध्यापक बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आए हैं और इनका विद्यालयों में पदस्थापन भी किया जा चुका है. दिनांक 22 नवंबर से इस विद्यालय अध्यापकों ने कक्षाएं लेना भी प्रारंभ कर दी है. आप इससे भी अवगत हैं कि द्वितीय चक्र की नियुक्ति हेतु भी बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किया जा चुका है जिसका परिणाम भी शीघ्र आएगा और जनवरी 2024 में द्वितीय चक्र के विद्यालय अध्यापक भी आएंगे उनकी संख्या 1 लाख के आस पास हो सकती है.

प्राथमिक स्कूलों में विशेष समस्या

केके पाठक ने आगे लिखा कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यालय अध्यापक जब आपके जिले के विद्यालय में जाएंगे तो यह समस्या आ सकती है कि इतनी संख्या में विद्यालयों में विशेष कर प्राथमिक विद्यालय मध्य विद्यालय में इतने कमरे ना हो जितने की इन विद्यालयों में शिक्षक पहुंच जाएंगे. ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि एक ही विद्यालय में कमरा कम और शिक्षक ज्यादा हो इसलिए यह पत्र लिखा जा रहा है और इसका उद्देश्य है कि आप यह सुनिश्चित करें कि प्रचुर मात्रा में विद्यालय अध्यापकों की उपलब्धता के बाद ऐसी स्थिति ना आए कि एक ही कमरे में दो विद्यालय अध्यापक या नियोजित शिक्षक कक्षाएं लेते हुए दिख जाए.इसलिए हमें यह प्रयास करना चाहिए कि जितने विद्यालयों में जितने अध्यापक या नियोजित शिक्षक हो उतने ही कमरा हमारे विद्यालय में होनी चाहिए.


शिक्षा के अधिकार अधिनियम की चर्चा

इसके साथ ही केके पाठक ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की चर्चा करते हुए कहा कि इस अधिनियम के तहत हरेक शिक्षक के लिए यह एक क्लास रूम उपलब्ध रहना जरूरी है. उदाहरण के लिए यदि इन विद्यालय अधिक अध्यापकों के आ जाने से किसी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक एवं नियोजित शिक्षकों को मिलाकर यहां पांच शिक्षक हैं तो उसे प्राथमिक विद्यालय में पांच कमरे भी रहना चाहिए. प्रधानाध्यापक को इन संख्या से अलग रखना होगा. साथ ही यह भी आवश्यक है कि कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चे अलग-अलग कमरों में बैठे हैं. ऐसी स्थिति में विद्यालयों के आधारभूत संरचना पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक है. प्राप्त अनुभव के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में यह समस्या ज्यादा है. माध्यमिक विद्यालयों में यह समस्या केवल उन्हें विद्यालयों में आएगी जो नए उत्क्रमित हुए हैं इस हेतु दोनों ही श्रेणी के विद्यालयों में आपको निम्नलिखित कदम उठाने होंगे पहले इन विद्यालयों के पुराने भवन अगर कमजोर और जर्जर हो चुके हैं तो उनकी मरम्मती कर तुरंत उन्हें उपयोग में ले जाएं.

बहुत सारे विद्यालयों में अधूरे पड़े भवन देखे गए हैं जो पूर्व में 12 वें वित्त आयोग, विधायक कोटा या पंचायत आदि से पिछले सालों में शुरू किए गए किंतु किसी कारण से अधूरे पड़े रह गए उनको भी तुरंत पूर्ण कर लिया जाए इसके साथ ही अतिरिक्त कमरों एवं prefab क्लासरूम का निर्माण कराया जाए. ऐसा निर्माण वर्टिकल होना चाहिए ताकि विद्यालय के मैदान कम ना हो पाए .

1036 क्लास रूम तैयार

केके पाठक ने आगे लिखा है कि इस कार्य को करने के लिए पूर्व से ही विभाग ने विद्यालयों की जीर्णोद्धार हेतु राशि भेजने प्रारंभ कर दिया था अब तक राज्य से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर लगभग 1036 prefab क्लासरूम पिछले तीन माह में बनाए गए हैं.काम की यह रफ्तार अच्छी है.इसे और तेज करते हुए आपको इन तीन बिंदुओं पर काम करते हुए तुरंत कमरे उपलब्ध कराने होंगे ताकि हम प्रत्येक अध्यापक नियोजित शिक्षक को एक क्लास रूम उपलब्ध करा सकें. केके पाठक ने यह भी लिखा है कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जो राशि आप आपको अभी तक दी गई है या आगे दी जाएगी उसमें क्या-क्या काम किए जाने हैं. इस संबंध में निर्देशित किया जाता है कि इन मद् में दी गई राशि से निम्नलिखित कार्य कराया जाए पहले प्रत्येक विद्यालय अध्यापक या नियोजित शिक्षक के लिए एक क्लासरूम दूसरा विद्यालय का सामान्य जीर्णोद्धार जिसमें शौचालय की मरम्मती निर्माण भी शामिल हो.

940 करोड़ रुपए किए गए स्वीकृत

केके पाठक ने मरम्मती कार्य के लिए जारी राशइ की भी चर्चा की है.इसके अनुसार शिक्षा विभाग ने 940 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। विद्यालयों में बेहतर आधारभूत संरचना निर्माण के लिए अगले साल ढाई हजार करोड़ रुपये और उपलब्ध कराये जायेंगे। इसमें से प्रारंभिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार, अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिए 305 करोड़ और माध्यमिक विद्यालयों के लिए 110.95 करोड़ स्वीकृत किये हैं.विद्यालयों में नये भवन और अतिरिक्त कक्ष बनाने के लिए प्राथमिक स्कूलों के लिए 192.26 करोड़ और माध्यमिक के लिए 90 करोड़ आवंटित किये हैं। इसके अलावा विद्यालयों में बैंच डेस्क के लिए प्राथमिक और माध्यमिक के लिए कुल 200 करोड़ और विद्यालयों में हाउसकीपिंग के लिए 42 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। हाउस कीपिंग के लिए यह राशि दो माह की है, जो जिलों को दे दी गयी है।जिलाधिकारी 50 लाख तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति अपने स्तर से देकर टेंडर कराएं। 50 लाख से अधिक की योजनाओं का ऐस्टीमेट बनाकर बीएसईआइडीसी में भेजे कर स्वीकृति लें। स्वीकृत राशि खर्च होने के बाद अतिरिक्त राशि उपलब्ध करायी जायेगी।


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