देवघर एम्स का पहला दीक्षांत समारोह : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने MBBS छात्रों के बीच प्रदान किया मैडल

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देवघर : झारखंड के एकमात्र एम्स देवघर के देवीपुर में संचालित हो रहा है. 2019 में इस संस्थान में पहला बैच मात्र 50 सीटों से शुरू होकर आज 125 सीट पर आ गयी है. पहले बैच का गुरुवार को दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. ऐतिहासिक क्षण के रूप में इस दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बतौर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शामिल हुई.

देवघर एम्स परिसर में आयोजित समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार,स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी,केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा और एम्स के अध्यक्ष एन के अरोड़ा एवं देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय की उपस्थिति में राष्ट्रपति ने 4 मैडल और 5 डिग्री उत्तीण छात्रों के बीच प्रदान किया. राष्ट्रपति ने गोल्ड मैडल जयपुर राजस्थान के डॉक्टर अश्मित अग्रवाल को,सिल्वर गोड्डा झारखंड के डॉ. तनिष्क कुमार को वहीं दिल्ली के रहने वाले डॉ. हर्श्विन को ब्रोंज से सम्मानित किया. वहीं सर्वाधिक उपस्थिति के लिए डॉ. ऋचा जायसवाल को मैडल से सम्मानित किया जाएगा. डिग्री प्राप्त करने वालों में डॉ. अंजनी कुमारी,गौतम शंकर,सुमिता सिन्हा,शिक्षा सिंह और डॉ. ओम शंकर को राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया. इस मौके पर राष्ट्रपति ने सभी डॉक्टरों से देश के प्रति समर्पित रहने की बात कहते हुए ट्राइबल क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की बात कही. राष्ट्रपति ने सभी चिकित्सकों को कहा कि वे धरती पर जीवंत भगवान हैं. इसलिए उन्हें अपने कर्तव्य के साथ नैतिकता,करुणा,व्यवहारिकता,संवेदनशील डॉक्टर बनने की बात कही. साथ ही डॉक्टरों से स्वस्थ समाज के निर्माण में एम्स को शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने की बात कही.

राष्ट्रपति ने कहा जान है तो जहां है. इसलिए एम्स को गांव को गोद लेने का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स के दीक्षांत समारोह में आना बहुत अच्छा मौका है. क्योंकि जब 25 मई 2018 को इस संस्थान का नींव रखा गया था तब मैं झारखंड की राज्यपाल के रूप में सिंदरी में मौजूद थी. वहीं राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाले 2019 बैच के छात्रों ने एक ऐतिहासिक और गर्व का पल बताते हुए राष्ट्रपति द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.