BIG NEWS : बिहार के स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी होगी सख्त, अब रोजाना रिपोर्ट होगी तैयार, शिक्षकों को अब करना होगा ये काम
PATNA :बिहार शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन योजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और फर्जी उपस्थिति को रोकने के उद्देश्य से एक नया निर्देश जारी किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि कक्षा 1 से 8 तक संचालित मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी को प्रभावी बनाने के लिए विद्यालय प्रमुख और उपस्थित शिक्षकों को प्रतिदिन प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य होगा।
इस प्रमाण-पत्र में भोजन की गुणवत्ता, छात्रों की उपस्थिति और अन्य संबंधित बिंदुओं की जानकारी होगी। इसे विद्यालयों में सुरक्षित रखा जाएगा और प्रत्येक माह की रिपोर्ट संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना) को भेजनी होगी।
निर्देश के प्रमुख बिंदु:
1. प्रतिदिन प्रमाण-पत्र भरना अनिवार्य : प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक और सभी उपस्थित शिक्षकों को अपने हस्ताक्षर के साथ मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित प्रमाण-पत्र भरना होगा।
2. फर्जी उपस्थिति रोकने का प्रयास : यह कदम छात्रों की वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित करेगा ताकि भोजन योजना का सही लाभ जरूरतमंद विद्यार्थियों को मिले।
3. भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान : शिक्षकों को यह प्रमाणित करना होगा कि वितरित भोजन की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है।
4. जिलास्तरीय निगरानी : प्रत्येक माह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रमाण-पत्र की रिपोर्ट सौंपनी होगी, जिससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहे।
5. अनुपस्थिति की स्थिति में स्पष्टीकरण अनिवार्य : अगर कोई शिक्षक किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो पाता है तो उसे अपने हस्ताक्षर न करने के लिए उचित स्पष्टीकरण देना होगा।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना प्रमाण-पत्र के मध्याह्न भोजन योजना का संचालन मान्य नहीं होगा। अगर किसी विद्यालय में इस निर्देश का पालन नहीं किया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस नए नियम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितताओं को रोका जा सके और छात्रों को पौष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त भोजन प्राप्त हो।