BIHAR NEWS : सीतामढ़ी में पानी के लिए मचा हाहाकार

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There was an outcry for water in Sitamarhi There was an outcry for water in Sitamarhi

सीतामढ़ी-एक ज़माना था कि सीतामढ़ी हर साल बाढ़ की विनाशकारी लीला से परेशान रहता था।हर साल हजारों एकड़ में लगा धान का फसल बर्बाद हो जाता था,सैकड़ों घर बाढ़ के पानी में समा जाते थे।इंसान और जानवर बाढ़ के पानी में डूब कर अकाल मौत के मुंह में समा जाते थे।


आज वही सीतामढ़ी जिला है कि बारिश से औसत से काफी कम होने की वजह से सूखे का दंश झेल रहा है।सीतामढ़ी जिले में इस वक्त हालात भयावह होते जा रहे हैंपूरे बरसात के मौसम में दो-चार दिन ही बिल्कुल हल्की बारिश हुई है। यही वजह है कि धान का फसल लगा खेत पूरी तरह से सुख चुका है। खेतों में दरार पड़ चुके हैं। पुपरी,सुरसंड, बोखरा सहित लगभग सभी प्रखंडों का यही हालत है।


पुपरी अनुमंडल मुख्यालय में मौजूद पी एच ई डी का कार्यालय भूत बंगला में तब्दील हो चुका है।इसमें काम करने वाले कर्मी और एस डी ओ स्तर के पदाधिकारी सीतामढ़ी मुख्यालय में चैन की बंसी बजा रहे हैं। स्थानीय लोगों का फोन भी उठाना संबंधित पदाधिकारी ज़रूरी नहीं समझते हैं। पंचायत के मुखिया सीधा बोलते हैं कि कि पानी का पूरा मामला पी एच ई डी के जिम्मे है।

पानी के बिना एक घंटे बिताना भी अब मुश्किल लगता है। चापाकल तो पहले ही सुख चुके हैं,और साथ निश्चय का नल जल योजना पूरी तरह से फ्लॉप हो चुका है। किसानों के बेडिंग का पानी भी सुख चुका है,कहीं कहीं अगर चालू हालत में है भी तो कई घंटे चलने के बाद भी खेत में पूरी तरह से पटवन नहीं हो पाता है और डीजल खरीदने में रूपये भी ज्यादा खर्च होते हैं ।ग्रामीण तो इतने त्रस्त हैं कि शोर मचाकर बोलने लगे हैं कि पानी नहीं तो वोट नहीं।अक्सर किसी न किसी गांव के चौक चौराहों पर लोग बांस बल्ला लगाकर सड़क जाम करने पर उतारू हो जाते हैं।