Bihar News : साथ रहेगा पूरा परिवार, अपने बिहार में ही मिलेगा रोजगार, संकल्पित है नीतीश सरकार

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The whole family will stay together, employment will be available in Bihar itself, Nitish government is determined. The whole family will stay together, employment will be available in Bihar itself, Nitish government is determined.

पटना:- बिहार सरकार ने राज्य को पूर्वी भारत का उभरता हुआ टेक-हब (Tech Hub)बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मंत्रिपरिषद बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसके तहत डिफेंस कॉरिडोर,सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क,ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स,मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी विकसित करने के लिए कार्ययोजना निर्माण एवं उसके सतत अनुश्रवण हेतु एक शीर्ष समिति गठित की जाएगी।

स्टार्टअप और न्यू-एज इकोनॉमी को बढ़ावा देने की तैयारी

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बिहार के प्रतिभाशाली युवाओं और उद्यमियों को स्टार्टअप एवं न्यू-एज इकोनॉमी के क्षेत्रों में अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य को अगले पांच वर्षों में एक वैश्विक बैक-एंड हब और ग्लोबल वर्कप्लेस के रूप में विकसित किया जाएगा।

इसके लिए एक अलग उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी,जो—


कार्ययोजना तैयार करेगी,

उसके क्रियान्वयन की निगरानी करेगी,

और स्टार्टअप तथा आधुनिक रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले उपायों पर काम करेगी।

मंत्रिपरिषद ने इस शीर्ष समिति के गठन के प्रस्ताव को औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।

युवाओं के लिए नए अवसर,राज्य में टेक-इकोसिस्टम का विस्तार

सरकार का मानना है कि इन पहलों से—

राज्य में स्टार्टअप संस्कृति को गति मिलेगी,

तकनीकी निवेश को बढ़ावा मिलेगा,

और युवाओं को अत्याधुनिक रोजगार एवं नवाचार आधारित कार्यक्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी।

नई योजना का उद्देश्य बिहार को न सिर्फ रोजगारोन्मुखी डिजिटल इकॉनमी की दिशा में अग्रसर करना है, बल्कि उसे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना भी है। बिहार मेंAI मिशन की शुरुआत: कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अग्रणी बनने की तैयारी

बिहार सरकार ने राज्य को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनाने के उद्देश्य से बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि नवाचार और आधुनिक तकनीक के समावेश के बिना राज्य के विकास की गति तेज नहीं की जा सकती। ऐसे मेंAI जैसी वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी तकनीक को अपनाने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सरकार का मानना है कि आज के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक क्रांतिकारी तकनीक बन चुकी है। इसलिए शोध, नवाचार और उद्योग–संस्थानों के सहयोग से बिहार कोAI आधारित परिवर्तनकारी क्षमता वाले राज्यों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा किया जाएगा। इससे राज्य के सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।


AIमिशन के प्रमुख लाभ


• AIनीति निर्माण व संस्थानीकरण: मिशन के तहतAIउपयोग से संबंधित नीतियाँ तैयार की जाएंगी और उनके संस्थागत ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

उद्योगों व संस्थानों की सहभागिता: राज्य में मजबूतAIपारिस्थितिकी (Ecosystem)विकसित की जाएगी,जिसमें अग्रणी उद्योगों व शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

• AIउत्कृष्टता केंद्र: विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य मेंAIसेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।

विभिन्न क्षेत्रों मेंAIका विस्तार: कृषि,स्वास्थ्य,शिक्षा,शासन व्यवस्था,जलवायु परिवर्तन,परिवहन,नगर विकास और उद्योग जैसे क्षेत्रों मेंAIआधारित नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।

शोध व पेटेंट को प्रोत्साहन: अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रिसर्च,पेटेंट और उद्यमिता विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

टैलेंट डेवलपमेंट: फेलोशिप,रेजिडेंसी और विशेषज्ञ विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से दीर्घकालिक प्रतिभा तैयार की जाएगी।

ओपन डेटा व पारदर्शिता: उत्तरदायी और ओपन डेटा सिस्टम को प्रोत्साहित कर पारदर्शिता और नागरिक विश्वास को मजबूत किया जाएगा।

तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण: राज्य के तकनीकी संस्थानों के माध्यम सेAI-आधारित शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

नियम व अनुपालन: रिस्पॉन्सिबलAIइकोसिस्टम से जुड़े नियमों और विनियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।


सरकार को उम्मीद है कि यह मिशन बिहार को तकनीक-प्रधान अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगा और आने वाले वर्षों में राज्य, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवाचार के क्षेत्र में देश के अग्रणी केंद्रों में शामिल होगा।बिहार होगा हाई-टेक और मॉडर्न: नई टाउनशिप और बंद चीनी मिलों के पुनरुद्धार को हरी झंडी

बिहार सरकार का नगर विकास एवं आवास विभाग राज्य के शहरी परिदृश्य को भविष्य उन्मुख बनाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। बढ़ती जनसंख्या,शहरों की बदलती जरूरतें और मास्टर प्लान आधारित विकास की अपरिहार्यता को देखते हुए अब राज्य में सुनियोजित,पर्यावरण-सम्मत और आधुनिक टाउनशिप के निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।

इसी उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने11प्रमुख शहरों— नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों के साथ-साथ सोनपुर और सीतामढ़ी (सीतापुरम)— में नए सैटलाइट टाउनशिप/ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित करने के लिए सैद्धांतिक सहमति और विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने की स्वीकृति दी है। इन टाउनशिपों के निर्माण से शहरी भीड़भाड़ कम होगी,आवास और व्यापारिक गतिविधियों के लिए वैकल्पिक एवं योजनाबद्ध क्षेत्र उपलब्ध होंगे तथा आधुनिक शहरी सुविधाओं का विस्तार तेजी से हो सकेगा।

इसके साथ ही राज्य में नई चीनी मिलों की स्थापना तथा पुरानी,बंद पड़ी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ चीनी उद्योग को नई जान मिलेगी बल्कि गन्ना किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। शहरी विकास का यह नया खाका और उद्योग आधारित यह पहल,दोनों मिलकर राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सिद्ध हो सकते हैं।