संविधान निर्माता डॉ.अंबेदकर की जयंती : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और सीएम हेमंत सोरेन ने डॉ. अंबेडकर की जयंती पर डोरंडा में उनकी प्रतिमा पर किया श्रद्धा सुमन अर्पित

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रांची : आज देश भर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती मनाया जा रहा है. झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राजधानी रांची स्थित डोरंडा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये.

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के पश्चात मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह गौरव के प्रतीक माने जाते हैं और आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. एक ऐसा संविधान इन्होंने दिया है जिसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है.

बता दें कि भारतीय संविधान के शिल्पकार, आधुनिक भारतीय चिंतक,समाज सुधारक एवं भारत रत्न से सम्मानित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए नई पीढ़ी के लिए यह जानना आवश्यक है कि संविधान में जो अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण नीति लायी गई थी,उसके पीछे संघर्ष की एक लंबी यात्रा रही है. वर्ष 1932 में महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर के बीच हुए पूना पैक्ट समझौते को वर्तमान परिदृष्य में देखना आवश्यक है. ताकि नई पीढ़ी दोनों के बीच जाति के सवाल पर वैचारिक टकराव के अंतर्विरोधों को समझ सकें.

डॉ. अंबेडकर का मानना था कि भारती य समाज के भीतर समतावादी न्याय को बनाये रखने के लिए स्वतंत्रता,समानता और बंधुत्व को बरकरार रखा जाना चाहिए,लेकिन जाति व्यवस्था सामाजिक न्याय स्थापित करनेमें सबसे बड़ी बाधा है. जाति व्यवस्था के कारण ही 1932 में पूना पैक्ट की नींव पड़ी.


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