सरकारी राशि की हो रही बंदरबाट : सारठ में नाडेप टैंक के निर्माण में अनियमितता, एक ही स्थान पर बना एक से अधिक नाडेप टैंक

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देवघर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई महत्त्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है. जिससे इस योजना को मूर्त रुप दिया जा सके. लेकिन सारठ प्रखण्ड में यह योजना कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गई है. जिस कारण यह योजना अपने उद्देश्य से भटकता जा रहा है.

सारठ प्रखंड क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए बनाये जा रहे नाडेप टैंक के निर्माण में अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है. सारे नियमों को ताक पर रखकर एक ही स्थान पर एक से अधिक नाडेप टैंक का निर्माण कराकर बड़े पैमाने पर सरकारी राशि की बंदरबांट की गई है. प्रखण्ड अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पंचायत झिलुवा इसका हाल बयां करती है.


बता दें कि यहां पर पूर्व से ही मनरेगा योजना के तहत एक नाडेप टैंक बना हुआ है. जिसका वर्तमान समय में कोई उपयोग भी नहीं हो रहा है. फिर उसी स्थान पर कई नाडेप टैंकों का निर्माण समझ से परे लग रहा है. इसके बावजूद यहां पर नियमों की अनदेखी कर उसी स्थान पर एक से अधिक नाडेप टैंक का निर्माण कराकर राशि की बंदरबांट कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. वहीं नाडेप के निर्माण की अगर बात करें तो इसमें मानकों के अनुरूप कार्य भी नहीं किया गया है. एक नाडेप के लिए प्राक्कलित राशि 21,900 रुपये हैं. जबकि जैसे तैसे टैंक का निर्माण कराकर इसे शोभा की वस्तु बनाकर छोड़ दिया गया है. सूत्रों की मानें तो इस हेराफेरी में पेयजल एवं स्वछता विभाग के प्रखण्ड एवं जिला समन्वयक से लेकर स्थानीय मुखिया की मिलीभगत शामिल हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि इनके द्वारा योजना की राशि का भुगतान अपने खासमखास आपूर्तिकर्ता के खाते में कराया जाता है. जिससे विभाग के नाम पर कमीशन लेने में इन्हें सहूलियत प्राप्त हो सके. बता दें कि प्रखण्ड के जिन जिन पंचायतों में नाडेप टैंक का निर्माण कराया गया है. अगर इसकी जांच हो तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी.


वहीं इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगर गांव की आबादी अधिक हो तो जरूरत के अनुरूप टैंक का निर्माण हो सकता है. परंतु एक ही स्थान पर एक से अधिक नाडेप टैंक का निर्माण कराना सरासर ग़लत है. मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच कराई जाएगी. मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.