संसद का मानसून सत्र आज से : INDIA बनाम NDA का दिखेगा असर,मणिपुर और दिल्ली अध्यादेश पर हंगामे के आसार..

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sansad ke mansson satra me india vs nda ka dhikhega ashar,hoga hangama. sansad ke mansson satra me india vs nda ka dhikhega ashar,hoga hangama.

DELHI:-संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. INDIA बनाम NDA की चर्चा के बीच इस संसद सत्र में भारी हंगामे के आसार हैं,वही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराहट भी दिख सकती है.दोनो गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी से ही रणनीति तय कर रही है और इसका असर इस संसद सत्र पर भी दिखेगा.


31 विधेयक पेश करेगी सरकार

केन्द्र की मोदी सरकार ने कुल 31 विधेयक पेश करने की योजना बनाई है.इसके साथ ही जनहित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर सकती है.वहीं विपक्ष मणिपुर में हिंसा और दिल्ली सरकार को लेकर लाए गए अध्यादेश को लेकर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है.मणिपुर में हिंसा मामले में विपक्ष पीएम मोदी से बयान देने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने की चेतावनी दी है.


विपक्षी दलों के तेवर कड़े

विपक्षी दलों के तेवरों से लग रहा है कि ये सत्र बेहद हंगामेदार रहेगा.वहीं मोदी सरकार की कोशिश होगी कि चुनावी साल में वह ज्यादा से ज्यादा काम करवा सके.संसद के मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी की मीटिंग हुई और फिर सर्वदलीय बैठक और एनडीए फ़्लोर लीडर्स की मीटिंग भी हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें 34 दलों के 44 नेताओं ने हिस्सा लिया.

सर्वदलीय बैठक में कई फैसले

सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने मुद्दों को सरकार के सामने रखा. इस दौरान विपक्ष की तरफ से मणिपुर हिंसा, मंहगाई और दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे को उठाया गया. विपक्ष की इन मांगों पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले. वह हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है.उन्होंने कहा कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए. ये सुझाव विपक्षी दलों से भी आए और सहयोगी दलों से भी मिले.


संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, ‘सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया और सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की. जब भी लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति समय तय करते हैं, हम चर्चा कराने को तैयार हैं. जो भी मुद्दे होंगे, हम नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत चर्चा कराने को तैयार है.’


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