कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगेंडा फ़िल्म है : शिव सेना के संजय राउत बोले— यह BJP के लिए ही बनाई गई थी
PATNA- गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया में प्रदर्शन के बाद द कश्मीर फाइल्स पर जो विवाद गहराया है उस पर शिव सेना के नेता और राज्य सभा के सांसद संजय राउत का ताजा बयान सामने आया है। उन्होंने ईफी के जूरी नादव लापिड के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने द कश्मीर फाइल्स को अश्लील और प्रोपेगेंडा वाला बताया था। संजय राउत ने कहा है कि "कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगेंडा फ़िल्म ही थी, यह BJP के लिए ही बनाई गई थी"। हम और आप देख रहे हैं कि कैसे फिल्म निर्माण के माध्यम से एक विशेष पार्टी का समर्थन हो रहा है वहीं एक विशेष पार्टी का विरोध हो रहा है। आप अगर ध्यान देंगे तो पता चलेगा कि इस फिल्म के आने के बाद से कश्मीर में पहले से अधिक पंडितों के साथ बुरा व्यवहार किया गया है।
IFFI जूरी प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज, 'द कश्मीर फाइल्स'को नादव लापिड ने बताया था अश्लील और प्रोपेगेंडा
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के जूरी प्रमुख नादव लापिड के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। गोवा पुलिस के पास दर्ज शिकायत में कहा गया है कि फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को 'अश्लील' और 'प्रचार' करार देकर नादव लापिड ने हिंदू समुदाय के बलिदान को गाली देने का काम किया है।
द कश्मीर फाइल्स देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए, IFFI के ज्यूरी हेड को जनता से माफी मांगनी चाहिए
द कश्मीर फाइल्स सिनेमा को लेकर बयानों का दौर जारी है। पहले IFFI के ज्यूरी हेड ने इस सिनेमा को लेकर बड़ा बयान दिया तो अब इज़राइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशानी का बड़ा बयान सामने आया है। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा हे कि जब मैंने फिल्म देखी तो मेरी आंखों से आंसू आ गए। मैं किसी को माफी मांगने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। यदि आप व्यक्तिगत रूप से पूछते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। द कश्मीर फाइल्स सिनेमा पर विवाद शुरू, IFFI 2022 के जूरी ने कहा— अश्लील और प्रोपगैंडा वाली फिल्म है...
इजराइली फिल्म निर्माता और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के ज्यूरी प्रमुख नदव लापिड ने स्टेज पर खुलेआम सबके सामने कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगेंडा मूवी बताया। उन्होंने कहा कि इफी एक प्रतिष्ठित मंच है। ऐसे समारोह में इस तरह की फिल्म की स्क्रीनिंग देखकर हम "परेशान और हैरान" हैं। यह हमें प्रोपेगेंडा बेस्ड और वल्गर फिल्म की तरह लगी, जो इस तरह के एक प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में बिलकुल शामिल होंने योग्य नहीं है।
दूसरी ओर एक समाचार एजेंसी से बात करने के दौरान अनुपम खेर ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करने आए हैं कि द कश्मीर फाइल्स सिनेमा को प्रोपेगेंडा बताने वाले लोगों को भगवान सदबृद्धि दे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश विरोधी ताकते फिर से इस सेनामा को बदनाम करने के लिए एक्टिव हो गई है।
वहीं इस फिल्म के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि सच अपने आप में कड़वा होता है, यह लोगों को झूठा बनाता है। बताते चले कि द कश्मीर फइल्स सिनेमा में दिखाया गया है कि किस तरह से कश्मीरी पंडितो को प्रताड़ित करके वहां से भगा दिया गया।
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