गंगा दशहरा : साहिबगंज के गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, पूजा और दान कर अर्जित किया पुण्य

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साहिबगंज : गंगा दशहरा के मौके पर साहिबगंज में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही. मान्यता है कि आज ही के दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. शास्त्रों व लौकिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ही भागीरथ के प्रयास से स्वर्ग से गंगा माता का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। इसलिए गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करना पारिवारिक सुख शांति की प्राप्ति के लिए फलदाई बताया गया है।कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से लोक कल्याण, पारिवारिक सुख-शांति व समृद्धि की प्रति लोगों को होती है।लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है.

इस वर्ष गंगा दशहरा पर वर्षों बाद अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र सिद्धि योग के पुण्यकाल में निर्माण हुआ. इस शुभ मुहूर्त में गंगा में डुबकी लगाकर भोलेबाबा की आराधना कर दान-पुण्य करने का बड़ा महत्व बताया गया है। पंडित जनों के अनुसार इस योग में नवविवाहित दंपत्तियों के लिए गंगा स्नान करना अति फलकारक व मनोरथ पूर्ण करने वाला है। इस अवसर पर साहेबगंज के अलावे कई पड़ोसी जिले के श्रद्धालु भी साहेबगंज गंगा घाट पर पहुंचे और गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की मान्यता के अनुसार इस दिन दान करना सिद्धि कारक बताया जाता है और मौसमी फल दान करने की भी परंपरा है।बताया जाता है कि फलों का राजा आम है इसलिए श्रद्धालु गंगा तट पर आम लूटाते हैं। गंगा दशहरा के अवसर पर नव यातायात सहयोग समिति द्वारा आज संध्या समय बनारस की तर्ज पर गंगा महाआरती का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम संपादित कराने बनारस से 41 सदस्यीय पंडित व पूजन मंडली की टीम साहेबगंज आ चुकी है। उधर जिले के राजमहल में भी परिवर्तन संस्था द्वारा गंगा महाआरती का आयोजन किया जा रहा है।जहां रात्रि के सात से आठ बजे लेजर के माध्यम से गंगा के उद्भव और विकास को श्रद्धालुओं को बीच प्रदर्शित किया जाएगा।

साहिबगंज से अरविंद ठाकुर की रिपोर्ट