Parliament Special Session 2023 : संसद का विशेष सत्र आज से शुरू, बोले पीएम मोदी - पुराने भवन से विदा लेना भावुक पल, हमें है गर्व
Parliament Special Session 2023 :संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो गया। 5 दिनों तक चलने वाले इस स्पेशल सेशन को लेकर सियासी दलों में काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है। संसद के इस विशेष सत्र में कुल 8 विधेयक पेश किए जाएंगे।
संसद का विशेष सत्र आज से शुरू
संसद के विशेष सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गयी है। हालांकि राष्ट्रगान के तुरंत बाद ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कंट्रोल मेरे पास है। वहीं, लोकसभा और राज्यसभा में पीएम मोदी को जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन को लेकर बधाई भी दी गयी।
इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान पुराने संसद भवन का इतिहास बताया और कहा कि इस इमारत के निर्माण का फैसला विदेशी शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे थे।'
चंद्रयान-3 की सफलता पर वैज्ञानिकों को किया याद
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की उपलब्धि देश और दुनिया पर एक नया प्रभाव डालेगा। इस सदन से मैं एक बार फिर देश के वैज्ञानिकों को नमन करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं। आज जी-20 की सफलता को आपने सराहा है और मैं आपका आभार प्रकट करता हूं। जी-20 की सफलता पूरे देश की सफलता है। ये किसी विशेष दल की नहीं बल्कि पूरे भारत और 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है।
"जी-20 के भावुक पल को नहीं भूल सकता"
पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जिस वक्त भारत जी-20 का अध्यक्ष बना तो उस वक्त अफ्रीकन यूनियन जी-20 का सदस्य बना, यह ऐतिहासिक है। मैं उस इमोशनल पल को भूल नहीं सकता कि जब अफ्रीकन यूनियन की घोषणा हुई तो उसके अध्यक्ष ने कहा कि मेरे जीवन में यह ऐसा पल था कि मैं बोलते-बोलते रो पड़ूंगा। कल्पना कर सकते हैं कि कितनी बड़ी अपेक्षा और आशाएं पूरी करने का काम भारत के भाग्य में आया है।
"विश्वमित्र के रूप में जगह बना रहा भारत"
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत विश्वमित्र के रूप में अपनी जगह पाया है। पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है। उसका मूल कारण है वेद से विवेकानंद तक जो हमने पाया है, सबका साथ-सबका विकास का मंत्र हम सबको विश्व से जोड़ रहा है, जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी भावनाओं से भरा पड़ा है। हमारी सबकी स्मृतियां यहां से जुड़ी है। हम सबकी साझी स्मृतियां हैं इसलिए हम सबका गौरव भी इससे जुड़ा हुआ है।
....जब सांसद के तौर पर ली एंट्री
पीएम मोदी ने अपनी बात करते हुए कहा कि जब मैं पहली बार सांसद बना और पहली बार एक सांसद के रूप में एंट्री ली तो सहज रूप से मैंने इस संसद भवन में अपना शीश झुकाकर इस लोकसभा के मंदिर को श्रद्धाभाव से प्रणाम किया था, वो पल मेरे लिए अद्भुत था।
पीएम मोदी ने कहा कि अनेक असुविधाओं के बावजूद भी सांसद सदन में आए हैं और उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है, ऐसी अनेक घटनाएं हमारे सामने है। गंभीर समस्याओं के बावजूद यहां सांसद आए, कोई व्हीलचेयर तो कोई डॉक्टर को बाहर रखकर अंदर आया है। कोविड काल के इस संकट की घड़ी में भी हमारे दोनों सदनों के सांसद सदन में आए। सदन में कई बार टेस्ट करना पड़ता था। मास्क पहनने पड़ते थे लेकिन कोई काम नहीं रूका।
पं. नेहरु, इंदिरा गांधी, अटल जी को किया याद
पीएम मोदी ने पंडित नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जी तक को याद किया और कहा कि सबने देश को नई दिशा दी है। आज सबका गुणगान करने का समय है। सबने इस सदन को समृद्ध करने और देश के सामान्य से सामान्य नागरिक को आवाज़ देने का काम किया है। राजीव गांधी जी, इंदिरा गांधी जी को जब देश ने खो दिया, तब इसी सदन ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। हर स्पीकर ने इस सदन को सुचारू रूप से चलाया है। अपने कार्यकाल में उन्होंने जो फैसले दिए है, आज भी उन्हें रेफरेंस प्वाइंट माना जाता है। मालवंकर जी से लेकर सुमित्रा महाजन जी तक हर एक की अपनी शैली रही है। मैं सभी का अभिनंदन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू का 'ए द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट...' संबोधन हम सबको प्रेरित करता है। इसी सदन में अटल जी ने कहा था कि 'सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए।
पीएम मोदी ने संसद में तेलंगाना आंदोलन का किया जिक्र
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि 'कुछ कड़वी यादें भी हैं। तेलंगाना के हक़ को दबोचने के लिए भारी प्रयास हुए। खून की नदियां भी बहीं और बनने के बाद न तेलंगाना उत्सव मना पाया, न आंध्र उत्सव मना पाया। एक कटुता के बीज बो दिए गए। उसी उमंग और उत्साह के साथ हम तेलंगाना का निर्माण करते तो एक नई ऊंचाई पर तेलंगाना पहुंच चुका होता।'
पीएम मोदी ने पत्रकारों को भी किया याद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्रकारों को भी याद किया और कहा कि जब आज हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं जो संसद की रिपोर्टिंग करते रहे। कुछ तो ऐसे रहे, जिन्होंने पूरी जिदंगी संसद को रिपोर्ट किया है। पहले यह तकनीक उपलब्ध नहीं थी, तब वही लोग थे। उनका सामर्थ्य था कि वे अंदर की खबर पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की भी खबर पहुंचाते थे।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये वही सदन है, जहां 4 सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसद वाली विपक्ष में होती थी। हम यहां से एक नये उत्साह और उमंग के साथ विदा लेने वाले हैं। इन दीवारों से हमने जो प्रेरणा पायी है, जो विश्वास पाया है, उसको लेकर आगे जाना है। नेहरु जी का गुणगान इस सदन में होगा तो कौन सदस्य होगा, जो उसपर ताली नहीं बजाएगा।