परिवहन सचिव को हाईकोर्ट से बड़ी राहत : अदालत ने मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रिक्त पदों पर 15 मई तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का दिया निर्देश

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रांची: अवमानना मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से परिवहन सचिव के श्रीनिवासन को बड़ी राहत मिली है. परिवहन सचिव को मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया था. समय पर अदालत में पेश नहीं होने पर हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में राज्य के परिवहन सचिव को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. आज परिवहन सचिव रांची एसएसपी के साथ सशरीर कोर्ट में उपस्थित हुए.15अप्रैल को जवाब दाखिल नहीं कर पाने की वजह सचिव ने बताया कि वे छुट्टी पर थे. आज की सुनवाई के उपरांत परिवहन सचिव के जवाब से संतुष्टि के बाद कोर्ट ने इस केस को समाप्त कर दिया.

आपको बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय ने अवमानना मामले में राज्य के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के लिए गिरफ्तार वारंट जारी किया था. जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने रांची के एसएसपी को जमानती वारंट सौंपते हुए सचिव को17अप्रैल यानी आज कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था. परिवहन सचिव आज रांची एसएसपी के साथ सशरीर कोर्ट में उपस्थित हुए. बता दें कि परिवहन सचिव को मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया था. जिसमें15मई तक नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर लेने का समय लिया गया है. वहीं15अप्रैल को जवाब दाखिल नहीं कर पाने की वजह सचिव ने बताया कि वह छुट्टी पर थे. आज की सुनवाई के उपरांत परिवहन सचिव के जवाब से संतुष्टि जताते हुए अदालत ने इस केस को खत्म कर दिया.

गौरतलब है किझारखंड उच्च न्यायालय ने अवमानना मामले में राज्य के परिवहन सचिव के श्रीनिवासन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने रांची के एसएसपी को जमानती वारंट सौंपते हुए सचिव को 17 अप्रैल को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था. सुनील कुमार पासवान की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने पूर्व में परिवहन सचिव को मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था. अदालत द्वारा सचिव से पूछा गया था रिक्त पदों को भरने के लिए कर्मचारी चयन आयोग को कब भेजी जाएगी अधियाचना.कब निकलेगा विज्ञापन.कब तक पूरी कर ली जाएगी नियुक्ति प्रक्रिया. अदालत ने 29 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. सचिव की ओर से 2 हफ्ते का समय मांगा गया था. 13 अप्रैल को जवाब दाखिल करने को कहा था परंतु सचिव की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका. हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए वारंट जारी किया था. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए वारंट जारी करने के बदले सचिव को सशरीर हाजिर होने की अनुमति देने का आग्रह किया था. लेकिन अदालत ने इस आग्रह को खारिज करते हुए सचिव के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था. आज कोर्ट में पेश होने के बाद सचिव ने छुट्टी पर रहने की वजह से15अप्रैल को जवाब दाखिल नहीं कर पाने की बात कही. जिस पर अदालत ने उनकी बातों से संतुष्ट होकर15मई तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का समय दिया.


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