पलामू सांसद ने कर दी घोषणा : श्री बंशीधर महोत्सव का पोस्टर हटाने पर नाराज हुए पलामू सांसद विष्णुदयाल राम, कार्यक्रम में नहीं होंगे शामिल

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Palamu MP Vishnudayal Ram angry over the removal of the poster of Shri Banshidhar Mahotsav, will not participate in the program Palamu MP Vishnudayal Ram angry over the removal of the poster of Shri Banshidhar Mahotsav, will not participate in the program

पलामू : पलामू सांसद विष्णुदयाल ने श्री बंशीधर नगर में आयोजित राजकीय बंशीधर महोत्सव में शामिल नहीं होने की घोषणा की। सांसद ने कशिश न्यूज से बात करते हुए कहा कि - स्थानीय मंत्री के इशारे पर प्रशासन ने उनका और बीजेपी के स्थानीय विधायक भानु प्रताप समेत अन्य बीजेपी कार्यकर्ताओं का बैनर पोस्टर हटा दिया, जबकि जेएमएम नेताओं का पोस्टर आज तक लगा हुआ है। सांसद ने जिला प्रशासन के रवैए पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि श्री बंशीधर महोत्सव के लिए आयोजित बैठक में स्थानीय बीजेपी सांसद और विधायक को किसी प्रकार को कोई सूचना नहीं दी गई।

सांसद ने दर्द बयां करते हुए कहा कि बंशीधर नगर मंदिर को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ख्याति दिलाने के लिए उन्होंने इस महोत्सव को शुरुआत कराई थी, साथ ही इस मंदिर को कृष्णा सर्किट में शामिल कराने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्री अर्जुन मेघवाल को भी महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन स्थानीय मंत्री के इशारे पर काम कर रहे जिला प्रशासन ने माननीय केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम नहीं होने दिया, जो को खेदजनक विषय है। प्रशासन का बर्ताव ऐसा है जैसे क्षेत्र में धारा 144 लगा हुआ है। तमाम बातों से दुखी होकर सांसद विष्णु दयाल राम ने अपने आप को इस महोत्सव से अलग कर लिया है और 3-4 मई को आयोजित राजकीय महोत्सव में शामिल नहीं होने का एलान किया है।


32 मन शुद्ध सोने की है श्री कृष्णा की दिव्य मूर्ति

पलामू प्रमंडल के श्री बंशीधर नगर में स्थित श्री बंशीधर मंदिर अति प्राचीन मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री बंशीधर मंदिर में अवस्थित श्री कृष्ण जी की दिव्य मूर्ति 32 मन शुद्ध सोने की बनी हुई है।कहा जाता है कि स्थानीय महारानी को स्वप्न आया था कि जंगल में भगवान श्री कृष्ण की दिव्य प्रतिमा पड़ी हुई है, जिसके बाद महारानी उक्त स्थान पर पहुंची और हाथी से भगवान को दिव्य मूर्ति को लेकर अपने महल जाने लगी, लेकिन हाथी मंदिर के दरवाजे पर ही बैठ गया, जिसके बाद श्री कृष्ण का भव्य मंदिर का निर्माण उसी स्थान पर कराया गया।

बाद में महारानी के द्वारा बनारस में राधा रानी की सोने की मूर्ति बनवाई गई और मंदिर में स्थापित किया गया। इस मंदिर का संचालन राज परिवार के देखरेख में राज्य सरकार करता है


रिपोर्ट - श्रवण सोनी