मुश्किल में लाखों छात्र : ACS के के पाठक के आदेश से परीक्षा से वंचित होने के कगार पर मैट्रिक-इंटर के छात्र-छात्रा

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One lakh students of Matric-Inter will be deprived of the examination due to the order of ACS Pathak. One lakh students of Matric-Inter will be deprived of the examination due to the order of ACS Pathak.

PATNA-शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश की वजह सेअगले साल 2024 में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि उन्हें परीक्षा से वंचित किया जा सकता है. इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव के द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है और उन छात्र-छात्राओं की सूची मांगी गयी है.


75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों की बढ़ी परेशानी

दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने यह आदेश जारी किया था कि 75 फ़ीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द कर दिया जाए और इस कड़ी में पहली से लेकर 12वीं तक करीब 20 लाख छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द किया गया है.इसमें नौवीं से बारहवीं तक के 2.66 लाख छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द किया गया है.इसमें 10 वीं और 12 के एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्रा हैं.


सेंटअप परीक्षा से वंचित करने का निर्देश

नामांकन उन छात्र-छात्राओं का भी रद्द हुआ है जो अगले साल मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले हैं. इन छात्र-छात्राओं का सेंटर परीक्षा अक्टूबर और नवंबर माह में होने वाली है. मिली जानकारी के अनुसार इंटर के सेंटअप परीक्षा 30 अक्टूबर से 6 नवंबर और मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा नवंबर के अंतिम सप्ताह में होगी. अगर छात्र-छात्रा सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे तो फिर उनका अगले साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा में शामिल होना मुश्किल हो जाएगा और उनका कैरियर चौपट हो सकता है.


इस संबंध में राजधानी पटना जिला के डीईओ अमित कुमार ने बताया कि सेंटअप परीक्षा में वहीं छात्र-छात्रा शामिल होंगे,जिनका स्कूल में 75 फीसदी उपस्थिति पूरी है.इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से पत्र प्राप्त हुआ है.स्कूलवार छात्रों की सूची तैयार की जा रही है,इसे वहां भेजा जाएगा.

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए जाते हैं शहर

बताते चले कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले काफी संख्या में छात्र-छात्र ऐसे होते हैं जो ग्रामीण स्कूलों में नामांकन करा लेते हैं और पढ़ाई के लिए शहरों में चले जाते हैं..इंटर के कई छात्र-छात्रा पटना, दिल्ली,कोटा समेत अन्य शहरों में मेडिकल,इंजीनियरिंग समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने चले जाते हैं,जिसकी वजह से वे क्लास में लगातार अनुपस्थित रहतें हैं. ऐसे ही छात्र-छात्राओं के खिलाफ शिक्षा विभाग सख्ती कर रही है.75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को सेंटअप होने से रोका जा रहा है.

कैरियर चौपट होने का डर

एक तरफ इंटर के छात्रा मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं,पर अगर उन्हें इंटर की परीक्षा से ही वंचित कर दिया जाएगा तो उनकी मुश्किलों बढ जायेगी.वे मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर भी लेते हैं,पर इंटर की परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाता है तो उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा और उनका शैक्षणिक कैरियर ही चौपट हो जाएगा.