पश्चिमी सिंहभूम जिला BJP अध्यक्ष सतीश पुरी बदले गय : एक बार फिर संजू पाण्डेय बने जिलाध्यक्ष

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Once again Sanju Pandey became the District President Once again Sanju Pandey became the District President

चाईबासा।एक ओर जहां राज्य में सियासत को लेकर गहमागहमी चल रही है,उसी गहमागहमी के बीच भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय सह झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मराण्डी के द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिला में जिला अध्यक्ष सतीश पुरी को हटाकर नवनियुक्त जिला अध्यक्ष के रूप में एक बार फिर संजय पाण्डेय के कंधों पर जिम्मेवारी सौंपते हुए नवनियूक्त जिलाध्यक्ष के रूप में मनोनित किया गया है।

हालांकि संजय पाण्डेय भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता है। उन्होंने पूर्व में युवा जिलाध्यक्ष और संगठन मंत्री तथा वर्तमान में जिले को लोकसभा प्रभारी के रूप में पार्टी के लिए कार्य कर रहें है। यदि सूत्रों की मानें तो इस जिले में वर्षो से पार्टी के अंदर गुटबाजी चरम पर चल रही थी जिसका फलाफल पार्टी को एक भी विधायक नहीं मिल रहे थे।


लेकिन इस विषम परिस्थिति में पार्टी के द्वारा संजय पाण्डेय को जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। यह निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण है। अब देखना है की नवनियूक्त जिलाध्यक्ष पार्टी के लिए जिनका खड़ा उतरता है और पार्टी को सिंहभूम लोकसभा में सांसद और कितने वाधायक दिला पाते हैं यह तो समय ही बताएगा।लेकिन संजू पाण्डेय पार्टी का पूराना कार्यकर्ता और पदाधिकारी है।


संजू पाण्डेय की बात करेगें तो राज्य का पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जब पार्टी में युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष हूआ करते थे उस समय से पार्टी में सक्रिय है।संजू पाण्डेय वर्ष 2003 से 2013 तक जिला मंत्री रहे फिर भाजपा जिला युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने। इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भाजयूमो जिलाध्यक्ष के रूप में मनोनित थे और संगठन को बढ़ाने का काम कर चुके थेफिर पुनः पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने संजय पाण्डेय को 16 जनवरी 2011 को जिलाध्यक्ष के रूप में मनोनित किया गया जो वर्ष 2013 तक कार्यकाल रहा।उसके बाद पार्टी को दमदार जिलाध्यक्ष नहीं मिला और गुटबाजी का सिकार होता रहा। इधर संजय पाण्डेय जिलाध्यक्ष मनोनीत के बाद स्वागत की घड़ी तो देखने को मिली लेकिन दुसरे खेमा के लोग नजर नहीं आये। खैर मामला जो भी हो लेकिन मनोनित नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष संजू पाण्डेय नें जिलाध्यक्ष बनने पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी है और बड़ी पार्टी के साथ साथ सदस्यों की संख्या भी काफी है इसलिए मतभेद हो सकती है लेकिन आपसी संवाद के साथ मतभेद को खत्म किया जा सकता है। पार्टी में हम जैसे अदना कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी विश्वाष के साथ तो हमारी पहली प्राथमिकता होगी कि हम अपने क्षेत्र से सांसद और विधायक जिताकर भेजें।