पूर्णिया लूटकांड : सांसद पप्पू यादव पहुंचे तनिष्क शोरूम, प्रशासन पर खड़े किए सवाल, कहा : खत्म हो गया है पुलिस का डर, कर क्या रही है सरकार
PURNIA :शुक्रवार को पूर्णिया में तनिष्क शोरूम में दिनदहाड़े हुई सबसे बड़ी लूट के मामले में आज पप्पू यादव ने शासन और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एसपी कलेक्टर के घर से 500 मीटर नजदीक लाइन बाजार जैसे व्यस्त जगह में दिनदहाड़े लूट हो जाना, यह अपराधियों का दुस्साहस है और इससे पता चलता है कि पूर्णिया में लॉ एंड ऑर्डर किस कदर लाचार है।
पप्पू यादव ने पूछा कि आखिर पूर्णिया और बिहार से पुलिस प्रशासन का डर अपराधियों के अंदर क्यों खत्म हो गया है ? जो लोग घटना पर राजनीति कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कानून का राज है, उन्हें यह गारंटी लेना चाहिए कि अब आने वाले दिनों में ऐसी कोई घटना नहीं होगी! हत्या, लूट और बलात्कार जैसे संगीन मामलों में मेरा मानना है कि अपराधियों का शूट एंड साइट हो, ताकि उनमें विधि व्यवस्था का डर हो और वह अपराध की घटना को अंजाम देने की हिमाकत न कर पाए।
इससे पहले पप्पू यादव ने घटनास्थल तनिष्क शोरूम का दौरा किया और शोरूम में हुई लूटपाट की जगह का मुआयना किया। इसके बाद पप्पू यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हो ना हो, इस बड़ी लूट में किसी करीबी जानकर की संलिप्तता हो सकती है। बिना उसके इस तरह से घटना को अंजाम देना आसान नहीं मालूम पड़ता है इसलिए मैं चाहता हूं कि इस मामले में सबों के मोबाइल के कॉल डिटेल्स और घटना वाले लोकेशन के डिटेल्स की वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान हो। इसके बाद मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी और स्पीडी ट्रायल के जरिए उसे सजा दिलाई जाए लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन को इसमें शायद ही कोई दिलचस्पी हो क्योंकि उनका समय अपराधियों के पीछे जाने से ज्यादा शराब, जमीन व अन्य माफियाओं के साथ समय बीतता है।
सांसद ने कहा कि किसी भी बदलाव के लिए माहौल बनने की जरूरत होती है। एक अच्छा थानेदार और एक अच्छा एसपी आ जाए तो जिले की विधि व्यवस्था दुरुस्त होने में देर ना लगे।
पप्पू यादव ने इस घटना के बहाने सभी राजनीतिक दलों और पदाधिकारी पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि जब तक राजनीतिक दल अपराधियों को संरक्षण देने और जन प्रतिनिधि बनने का काम करेंगे, तब तक विधि व्यवस्था के दुरुस्त होने के आसार कम ही नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पूर्णिया में विगत 20 सालों में जिन अधिकारियों और नेताओं व उनके रिश्तेदारों ने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है। रजिस्ट्री ऑफिस से उसकी जांच हो। ताकि पता लग सके कि पूर्णिया को किसने बर्बाद किया है।
उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि प्रशासन का रवैया हर घटना पर उदासीन होता है। तभी तो आज तक भवानीपुर मर्डर मामले में ना तो इन्वेस्टिगेशन हुआ और ना ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच सकी है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री, दो-दो उपमुख्यमंत्री और पूरा पुलिस महकमा मिलकर जब अपराध और अपराधियों पर लगाम नहीं लगा सकते तो ऐसे लोगों के शासन में होने या ना होने का मतलब ही क्या है? अगर आप इसमें सक्षम नहीं है तो मुझे मौका देखिए। अपराधी बिहार की ओर अपनी नजर भी नहीं दिखा सकेंगे और जो अपराधी प्रदेश में है, उन्हें बिहार छोड़ना होगा।
मौके पर रामायण सिंह, संदीप सिंह, संजीव मिश्रा, राजेश यादव, अफरोज आलम मुखिया बबलू भगत, वेश खान, दिवाकर चौधरी, निशी यादव, मनोज यादव, मंटू यादव, गुलफू झा, कुणाल चौधरी, सुडू यादव, पप्पू यादव मुखिया, विकास झा, मुमताज आलम मौजूद रहे।