"वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी" बिषय पर सेमिनार : नालंदा विवि में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई VVIP हुए शामिल
RAJGIR:-अन्तर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय में "वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी" बिषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर,केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी,असम के CM हेमंत बिस्वा सरमा और की देशों के राजदूत शामिल हुए .यह सेमिनार ICCR और नालंदा विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित किया गया.
सेमिनार का उद्घाटन करते हुए पूरेव राष्ट्रपति ने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को याद किया.रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा. यहाँ का लोकतंत्र हजारों साल पुराना है. वर्तमान में 2019 में चुनाव के वक़्त एक मिलियन पोलिंग बूथ बनाए गए. एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर बूथ न हो ये ख्याल रखा गया. सुदूर इलाकों तक लोगो को वोट का अधिकार मिले इस बात का ख्याल रखा गया. काफ़ी बेहतर चुनाव हुए .
वहीं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण के वक़्त भारी चूक हो गई.उनके भाषण के दौरा ही pm मोदी के भाषण का ऑडियो शुरू हो गया. कुछ देर के लिए मंच और हॉल में बैठे लोग स्तब्ध रह गए. बाद में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा ये भी लोकतंत्र का एक पार्ट है. राम नाथ कोविंद के बयान से पूरे सभागार में ताली बजने लगी सभी ठहाके लगाने लगे.
वहीं सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र आज नहीं आया ,बल्कि सदियों पुराना है.रामायण की चर्चा करते हुए मीनाक्षी लेखी बोली कि जब दशरथ ने राजा चुनने का फैसला लिया तो उन्होंने पहले अपने मंत्रियों से विमर्श किया लोगों से राय जाना फिर राम को राजा बनाने का फैसला लिया. उस वक़्त से भारत में लोकतंत्र है.
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इण्डिया में लोकतंत्र का सफ़र 5 हजार साल पहले का है. भारत में लोकतंत्र की शुरुआत 1947 से नहीं हुई.दिल्ली में बैठे कुछ लोग सोचते हैं कि उन्होंने ही डेमोक्रेसी लाया. लेकिन हक़ीक़त है ये डेमोक्रेसी यहाँ के लोगों ने लाया. हमें अपने टेक्स्ट बुक में इस बात का सुधार करना चाहिए की 1947 से देश में लोकतंत्र आया. लोगो को ये बताना होगा की भारत लोकतंत्र की जननी है. प्रधानमंत्री इस बात का जिक्र करते हैं.
बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और आज के दिन यहाँ कार्यक्रम होना बड़ी बात है. बिहार से जुड़ने पर मुझे गर्व है.आज हमें कहना पर रहा है भारत लोकतंत्र की जननी है. ये बताना पर रहा है. पहले लोगो ने सोचा ही नहीं. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. अब हमें गर्व होना चाहिए . यहाँ लोकतंत्र बाहर से नहीं आया. लोकतंत्र यहीं से जन्म लिया.अगली पीढ़ी के सामने लोकतंत्र का विषय बेहतर तरीके से रखने की जरुरत. हमारे पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने की जरुरत है. रामायण, महाभारत, बुद्ध, जैन काल में भारत में लोकतंत्र की चर्चा है. वैशाली शब्द रामायण काल से ही आया है.ये हमारी जिम्मेवारी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी दें.