खूंटी में मंत्री अंसारी का सरप्राइज दौरा : रातभर जागा अस्पताल प्रशासन, अस्पताल का पानी पीकर परखी व्यवस्था!

Edited By:  |
Reported By:
khunti mai mantri ansari ka serprise daura khunti mai mantri ansari ka serprise daura

रांची: झारखंड की सर्द रात,जब पूरा राज्य गहरी नींद में था,उस समय एक शख्स अस्पताल की दहलीज पर दस्तक दे रहा था. चेहरे पर जिम्मेदारी का ओज,आंखों में बेबाकी और कदमों में बदलाव का जोश. यह कोई और नहीं बल्कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी थे,जो अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सल प्रभावित खूंटी सदर अस्पताल पहुंच गए. उनके इस अचानक दौरे ने पूरे अस्पताल प्रशासन में खलबली मचा दी.

रात के सन्नाटे में जब अस्पताल का गेट खुला,तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि इतनी रात गए कोई मंत्री यहां आ सकता है. डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ यह सोचकर स्तब्ध रह गए कि आखिर कौन अधिकारी इतनी रात को निरीक्षण के लिए आ पहुंचा है. लेकिन जब उन्होंने सामने मंत्री अंसारी को देखा,तो सबकी आंखें हैरान रह गईं. मंत्री जी ने आते ही बिना किसी औपचारिकता के सीधे अस्पताल का निरीक्षण शुरू कर दिया.

निरीक्षण के दौरान मंत्री अंसारी ने मरीजों से हालचाल पूछा,दवाइयों की उपलब्धता देखी और वार्ड में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. उनके जमीनी मिजाज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे स्वयं अस्पताल का पानी पीकर उसकी गुणवत्ता जांचने से भी पीछे नहीं हटे. यह नजारा देख वहां मौजूद मरीज और स्टाफ दंग रह गए.

खबर मिलते ही सिविल सर्जन हड़बड़ाते हुए अस्पताल पहुंचे,लेकिन तब तक मंत्री जी अपना आधा काम लगभग पूरा कर चुके थे. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की तत्परता को देखकर मंत्री अंसारी बेहद संतुष्ट दिखे. उन्होंने पूरे स्टाफ की पीठ थपथपाई और कहा कि मैं जितना सोचकर आया था,उससे कहीं बेहतर स्थिति देख रहा हूं. यह देखकर गर्व हो रहा है कि आप सब अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान हैं."

मंत्री इरफान अंसारी ने अस्पताल में मौजूद स्टाफ को भरोसा दिलाया कि उनके रहते स्वास्थ्य सेवा में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है,उसे मैं पूरी निष्ठा से निभा रहा हूं. मैं कभी भी,कहीं भी,किसी भी अस्पताल का दौरा कर सकता हूं. यह संदेश मैं राज्य के हर सिविल सर्जन,डॉक्टर और स्टाफ को देना चाहता हूं कि स्वास्थ्य में लापरवाही का कोई स्थान नहीं होगा."

जहां एक ओर मंत्री अंसारी का यह दौरा मरीजों के लिए राहत लेकर आया,वहीं दूसरी ओर उनके विरोधियों को करारा जवाब भी दे गया. जो लोग राजनीतिक साजिशों और गलत अफवाहों के जरिए उनकी छवि खराब करने में लगे थे,वे इस दौरे के बाद खामोश हो गए. मंत्री अंसारी ने यह साबित कर दिया कि वे केवल राजनीति के लिए नहीं,बल्कि स्वास्थ्य सेवा को नई दिशा देने के लिए मैदान में उतरे हैं.

डॉ. इरफान अंसारी के इस साहसिक कदम ने यह साफ कर दिया कि जब एक डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री बनेगा,तो स्वास्थ्य सेवाओं में नई लकीर जरूर खींची जाएगी. उनकी आंखों में वह संकल्प था,जो झारखंड के सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था को सुधारने का इरादा रखता है.

इस दौरे ने यह संदेश दे दिया कि अब स्वास्थ्य सेवा सिर्फ सरकारी घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगी,बल्कि जमीन पर बदलाव दिखेगा. मंत्री अंसारी ने यह जता दिया कि जब तक वे जिम्मेदार हैं,झारखंड का स्वास्थ्य विभाग चैन से बैठने वाला नहीं है.

यह महज एक दौरा नहीं था, बल्कि एक संकल्प था – झारखंड के हर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दिलाने का.