झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र : विपक्षी विधायकों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित

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रांची :झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवे दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही भाजपा विधायक वेल में बैठ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. सदन में विपक्ष के विधायकों ने जोरदार हंगामा किया. भाजपा विधायकों ने सीएम से जवाब देने की बात पर अड़े रहे. वहीं सदन में जोरदार हंगामा को देखते हुए स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है.

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने पर गुरुवार को भाजपा विधायकों ने सदन में पहले वेल में बैठे और विधानसभा अध्यक्ष हाजिर हो का नारा लगाया. इसके बाद 11 बजकर 15 मिनट पर विधानसभा स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही शुरु की. सदन की कार्रवाही शुरु होते ही झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि भाजपा के विधायकों ने सदन को हाईजैक कर लिया है. इन पर न्याय संगत कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने विधायकों का नाम भी पढ़ा. इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा हो गया.

इस बीच नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी सदन में बोलने के लिए खड़े हुए तो स्पीकर ने उन्हें बोलने नहीं दिया. नाराजगी जताते हुए उन्हें अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा. इससे नाराज भाजपा के विधायक हंगामा करने लगे. भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता और रणधीर सिंह लेखक टेबल पर चढ़ गये . उनका विरोध करने के लिए सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गये. सदन में हंगामे के बीच स्पीकर ने विपक्ष के 18 विधायकों को 2 अगस्त दोपहर 2 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया. स्पीकर ने मार्शल से सभी विधायकों को बाहर निकालने को कहा. इस बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12.30 तक के लिए स्थगित कर दी थी. स्पीकर ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट सदाचार समिति को एक सप्ताह के अंदर देने का निर्देश दिया.

विधानसभा अध्यक्ष ने पुष्पा देवी,नीरा यादव,अपर्णा सेनगुप्ता,सीपी सिंह, भानु प्रताप शाही,रणधीर सिंह,आलोक चौरसिया,किशुन दास,कुशवाहा शशिभूषण मेहता,समरी लाल, अनंत ओझा,राज सिन्हा,नारायण दास,केदार हाजरा,कोचे मुंडा,अमित मंडल,बिरंची नारायण एवं नवीन जायसवाल को 2 अगस्त दोपहर 2 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया.

विधायकों के सदन से सस्पेंड होने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि हम जनता के मुद्दे पर मुखर हैं. ये सरकार की बौखलाहट दिखाती है कि ये अब पूरी तरह से फेल हो चुकी है.इनके पास जवाब नहीं है. इसलिए जनता की आवाज को दबाने के लिए इन्होंने हमें सस्पेंड किया है.