JHARKHAND NEWS : रक्षाबंधन पर सखी मंडल की महिलाएं बना रही आकर्षक राखियाँ, बढ़ा रही स्वरोजगार के अवसर

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रांची : रक्षाबंधन के पावन अवसर पर झारखंड के विभिन्न जिलों में सखी मंडल से जुड़ी ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक और रेशमी धागों से सुंदर राखियाँ तैयार कर रही हैं. इस बार रेशमी धागे से बनी राखियाँ लोगों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

जेएसएलपीएस के माध्यम से इन महिलाओं को राखी निर्माण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. साथ ही ‘पलाश’ ब्रांड के तहत उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री के लिए एक सशक्त मंच भी उपलब्ध कराया गया है.

राज्य के आठ जिलों-रांची,हजारीबाग, पलामू, हजारीबाग,गिरिडीह,धनबाद,कोडरमा और खूंटी में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं राखी निर्माण एवं बिक्री से जुड़कर उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित कर रही हैं. अब तक प्रशिक्षित दीदियों द्वारा सैकड़ों आकर्षक राखियाँ तैयार की जा चुकी हैं,जिनकी बिक्री संबंधित जिलों के पलाश मार्ट एवं पलाश प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्रों के माध्यम से जिला एवं प्रखंड स्तर पर की जा रही है. इस पहल के माध्यम से महिलाओं को अतिरिक्त आय का सशक्त साधन प्राप्त हो रहा है,जिससे उनका आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिति दोनों सुदृढ़ हो रही है.

सखी मंडल की महिलाएं जैविक सामग्रियों से बना रही हैं आकर्षक राखियाँ

राज्य की सखी मंडल से जुड़ी महिलाओं को ‘पलाश’ ब्रांड के माध्यम से न केवल एक नई पहचान मिली है,बल्कि उनकी आमदनी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. रक्षाबंधन के अवसर पर इन महिलाओं द्वारा तैयार की गई हस्तनिर्मित राखियाँ लोगों के बीच खासा आकर्षण का केंद्र बन रही हैं.

राखी निर्माण के लिए महिलाओं को जेएसएलपीएस द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया,जिसमें उन्हें जैविक और पारंपरिक सामग्रियों के प्रयोग की विधियाँ सिखाई गईं. इसके तहत अब तक20से25प्रकार की सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल राखियाँ तैयार की जा चुकी हैं. इन राखियों के निर्माण में उपयोग की जा रही मुख्य सामग्रियाँ हैं — धान,चावल,मौली धागा,सूती धागा,रेशमी धागा,मोती,बुरादा,हल्दी,आलता आदि.

यह पहल न केवल पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा दे रही है,बल्कि ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनने की दिशा में सशक्त कर रही है.

अदिवा’ ब्रांड के तहत खूंटी की महिलाएं बना रही हैं चांदी और ऑक्सीडाइज़्ड राखियाँ

खूंटी जिले की सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं इस वर्ष ‘अदिवा’ ब्रांड के अंतर्गत विशेष रूप से चांदी और ऑक्सीडाइज़्ड राखियों का निर्माण कर रही हैं. इन राखियों की डिज़ाइन न केवल आकर्षक हैं,बल्कि हस्तनिर्मित होने के कारण इनमें खास पारंपरिक खूबसूरती भी झलकती है. ऑक्सीडाइज़्ड राखियाँ रु.150से रु.200की रेंज में उपलब्ध हैं,जबकि चांदी की राखियाँ रु.800से रु.1200तक के मूल्य में खरीदी जा सकती हैं.

रांची के पलाश मार्ट एवं जिला मुख्यालयों में उपलब्ध हैं सखी मंडल की हस्तनिर्मित राखियाँ

हेहल स्थित जेएसएलपीएस राज्य कार्यालय में संचालित पलाश मार्ट में सखी मंडल की बहनों द्वारा तैयार की गई फैन्सी और आकर्षक राखियाँ बिक्री हेतु उपलब्ध हैं. इन राखियों को किफायती दामों पर खरीदा जा सकता है. इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों में भी विशेष स्टॉल लगाकर इन राखियों की बिक्री की जा रही है,ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़ सकें और ग्रामीण महिलाओं के प्रयासों को प्रोत्साहित कर सकें.

पिछले वर्ष गोड्डा,पलामू,बोकारो,सिमडेगा और धनबाद जिलों की115सखी मंडलों से जुड़ी महिलाओं ने लगभग रु.10लाख की राखियों की बिक्री कर सराहनीय कारोबार किया था. इस वर्ष भी महिलाओं को बिक्री और आमदनी में अच्छी वृद्धि की आशा है.

पलाश ब्रांड’ को मिली है खास पहचान

सितंबर2020में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा लॉन्च किए गए ‘पलाश ब्रांड’ के अंतर्गत अब तक30से अधिक खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों को बाजार में उपलब्ध कराया जा चुका है. इस ब्रांड के माध्यम से राज्य की ग्रामीण महिलाएं अपने उत्पादों को व्यापक बाजार तक पहुँचा पा रही हैं.