JHARKHAND NEWS : संगठन, स्वास्थ्य, समृद्धि थीम पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला शुरू, 14 राज्यों से पहुंचे प्रतिनिधि

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"संगठन • स्वास्थ्य • समृद्धि"

• “खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता (FNHW)” विषयक दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन।

• देशभर के 14 राज्यों से आए प्रतिभागी हो रहे हैं इस कार्यशाला में सहभागी, मेजबानी की ज़िम्मेदारी निभा रहा है झारखंड।

RANCHI : ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं झारखण्ड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता (FNHW) विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS), ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यशाला दो चरणों में आयोजित की गई है, पहले दिन का फोकस फील्ड विज़िट पर रहा जबकि दूसरे दिन 23 जुलाई को उद्घाटन सत्र और तकनीकी चर्चाएं आयोजित होंगी।

कार्यशाला के पहले दिन, देश के 14 राज्यों से आए प्रतिभागियों ने रांची, खूंटी, हजारीबाग और बोकारो जिलों के प्रखंडों में भ्रमण कर महिला समूहों द्वारा संचालित स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और आजीविका गतिविधियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।

• बोकारो (कसमार)में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आए प्रतिनिधियों ने गरिमा केंद्र, ग्राम संगठन, महिला समूहों की गतिविधियाँ तथा मनरेगा-डीएमएफटी से निर्मित संसाधनों का अवलोकन किया।

• खूंटी (रनिया)में बिहार, हरियाणा और पंजाब के प्रतिभागियों ने किशोरी समृद्धि योजना, पोषण वाटिका, बीमा योजनाओं और बच्चों से जुड़ी पहलों की जानकारी ली।

• हजारीबाग (दारू)में उत्तराखंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से आए प्रतिभागियों ने मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, पोषण वाटिका (दिदी बाड़ी), जेंडर रिसोर्स सेंटर और महिला समूहों की भागीदारी को करीब से देखा।

• रांची (ओरमांझी)में मध्य प्रदेश और गुजरात की टीमों ने स्थानीय आजीविका गतिविधियाँ और पोषण-संवर्धन प्रयासों का अनुभव लिया।

कार्यशाला के दूसरे दिन, 23 जुलाई को इसका औपचारिक उद्घाटन झारखण्ड सरकार की माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पाण्डेय सिंह करेंगी। इस अवसर पर भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय, झारखण्ड सरकार और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारीगण भाग लेंगे। दिनभर चलने वाले सत्रों में पैनल चर्चाएं, अनुभव साझा करने का मंच और सामुदायिक नवाचारों पर केंद्रित संवाद आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यशाला न केवल महिला समूहों के प्रयासों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह विभिन्न राज्यों के बीच सीखने, समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देने का एक सशक्त मंच भी सिद्ध हो रही है।