जागरूकता से बदला जीवन : गढ़वा के भटके लोग लौटे मुख्यधारा में, गांव की बदली तस्वीर

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गढ़वा : ये है झारखण्ड के गढ़वा जिला का बरवाडीह गांव,एक समय था जब इस गांव के अधिकतर घरों से नक्सली दस्ता के सदस्य हुआ करते थे. और इसे नक्ससलियों का गांव भी कहा जाता था लेकिन आज हम इस गांव की चर्चा इसलिए कर रहे है क्योकि यहां की तस्वीर बदल चुकी है. अब यहां नक्सलवाद नहीं विकासवाद का सिद्धांत काम कर रहा है.जहां कभी लाल आतंक की गूंज सुनाई पड़ती थी वहां आज हर ओर हरियाली और भयमुक्त वातावरण आपके इस्तकबाल के लिए खड़ा नज़र आएगा,हो भी क्यों न यहाँ जागरूकता ने जीवन जो बदली है.

गढ़वा के नक्सल प्रभावित चिनियां का बरवाडीह गांव के लोगों ने अपनी धारा बदल दी है,कभी नक्सलवाद का रास्ता अख्तियार करने वाले ये लोग अब खेती करते है, मनरेगा में काम करते हैं कोई वहां चालक बन गया तो किसी ने रोज़गार करना शुरू कर दिया.जबकि पहले कोई यहाँ एरिया कमाण्डर था तो कोई जोनल कमाण्डर सब के नाम का खौफ था.ये लोग अपने जीवन में बदलाव का श्रेय स्थानीय मुखिया नितेश सिंह को देते है.

ये गांव कभी पलायन के लिए जाना जाता था बाद में लाल आतंक के लिए चर्चा में आया लेकिन आज स्थिति अलग है.यहाँ की पहचान अब बदले हुए बरवाडीह के रूप में हो रही है,और इस बदलाव के पीछे सरकार की अच्छी निति स्थानीय जनप्रतिनिधियों का प्रयास है.इन सबसे ज़्यादा इनलोगो का खुद का आत्मविश्वास है जो इन्होने दिखया है।

अमित सिंह की रिपोर्ट


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