अब आसान नहीं है BIHAR में शिक्षक बनना ! : पहले सर्टिफिकेट के आधार पर बनती थी मेधा सूची..अब पास करना होगा BPSC की परीक्षा..
Patna:-बिहार में अब सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षक की नौकरी नहीं मिलेगी,बल्कि जरूरी अहर्ता एवं सर्टिफिकेट के साथ ही उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग(Bpsc) द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा.इस परीक्षा को पास करने वाले टीचर अब नियोजित शिक्षक के बजाय विद्यालय अध्यापक कहलायेगें और राज्यकर्मी की सुविधा पायेंगे..
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली को बिहार की नीतीश कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दे दी है.इस नियमावली के तहत बिहार में करीब 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.नई नियमावली की सरकार के मंत्री और सत्ताधारी दल तारीफ कर रहें हैं..वहीं सातवें चरण के शिक्षक नियुक्ति की शीघ्र बहाली की मांग के लिए आन्दोलन करने वाले अभ्यर्थियों के संघ ने नई नियमवाली का विरोध किया है,क्योंकि इससे अभ्यर्थियों को एक और परीक्षा पास करनी होगी.वे पहले ही ट्रेनिंग के साथ ही टीईटी या एसटीईटी परीक्षा पास कर चुकें हैं और अब नई नियमावली के तहत उन्हें एक और परीक्षा देनी होगी जबकि पुरानी नियमवाली के तहत उन्हें किसी तरह की परीक्षा नहीं देनी होती थी बल्कि सर्टिफिकेट के आधार पर मेधा सूची बनाई जाती थी.वहीं शिक्षाविद ऩई नियमावली से क्वालिटी शिक्षक मिलने की संभावना जता रहें हैं.
नई नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि "अब बहुत जल्द ही तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति होगी.शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा जिसमें आकर्षक वेतन के साथ सभी सुविधा मिलेगी.पूर्व के जो नियोजित शिक्षक है,वो भी बीपीएससी की परीक्षा दे सकतें हैं.' जबकि शिक्षा मंत्री प्रो चन्द्रशेखर ने कहा कि नयी नियमावली शानदार है.नियोजित शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा पास कर नियमित शिक्षक बन सकेंगे.सवा दो लाख से भी अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के आलावा पचास हजार से अधिक अन्य कर्मियों की बहाली होगी.
बताते चलें कि जिस नई नियमावली की नीतीश कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दी है. उसके अनुसार शिक्षक नियुक्ति का अधिकार पंचायत और नगर निकाय से वापस ले लिया गया है और अब बीपीएससी शिक्षकों की परीक्षा लेकर नियुक्ति करेगी.नियुक्ति में महिलाओं को 50 फीसदी का आरक्षण दिया गया है.वहीं अभी के नियोजित शिक्षक भी बीपीएससी की परीक्षा में शामिल हो सकतें हैं और उन्हें अधिकतम उम्र में छूट दी जाएगी.नयी नियमावली के तहत नियुक्ति के साथ ही तबादला भी किया जाएगा.किसी भी अभ्यर्थी को अधिकतम तीन बार परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
इस नियमावली के मंजूरी मिलने के साथ ही सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति की प्रकिया शुरू की जाएगी.जिला स्तर पर रिक्त पदों की गणना के बाद रोस्टर क्लियरेंस कराया जाएगा,फिर आयोग को सूची भेजी जाएगी.परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम बीपीएससी तय करेगा,परीक्षा के आयोजन से लेकर परीक्षाफल प्रकाशन का काम आयोग करेगा और फिर सफल अभ्यर्थियों की सूची शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी.परिवीक्षा अवधि योगदान की तिथि से दो साल की होगी.एक साल का विस्तार होगा.इसके बाद संतोषजनक नहीं होने पर कार्यमुक्त किया जा सकेगा.