जोश के साथ होश में काम करे BIHAR POLICE : DGP आर.एस भट्टी की दो टूक..SP और थानेदार को काम में खुली छूट..लापरवाही पर होगी बड़ी कार्रवाई..
patna:-बिहार में अब थानेदार से लेकर sp तक के अधिकारियों को जोश और होश के साथ काम करना होगा..ऐसे अधिकारियों को विभाग से पूरा सपोर्ट मिलेगा पर लगातार काम में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों की मुसीबत बढने वाली है क्योंकि अब उन्हें न सिर्फ निलंबित नहीं किया जाएगा बल्कि उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी होगा..इसको लेकर राज्य के नये Dgp आर एस भट्टी ने सबको नया टॉस्क के साथ चेतावनी दे दी है.
पदभार संभालने के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों एवं क्षेत्र के IG,DIG,SSP,SP और SDPO के साथ बैठक के दौरान डीजीपी आर,.एस भट्टी ने विस्तार से पुलिसिंग समझाई.. पुलिस विभाग के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कई सख्त निर्देश दिए.डीजीपी ने कहा कि अब ईमानदारी और फेयर तरीके से काम करिए. .वे और उनका पूरा विभाग आपके साथ पूरी तरह से खड़ा नजर आयेगा..लेकिन काम में लापरवाही और मनमानी देखी गई तो फिर आप कार्रवाई के लिए तैयार रहिए...
कानून व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर डीजीपी ने कहा कि आप अपराधियों को लिस्ट बनाएये और खदेड़ते रहिए...आप अगर उसे खदेड़ेगें तो वह खुद के बचाव में भागता फिरेगा..और अगर आप उसे खुले रूप से बैठने देंगे तो आपको भागने के लिए योजना बनाते रहेगा..DGP राजविंदर सिंह भट्टी के शब्दों में कहें तो क्रिमिनल को नहीं दौड़ाओगे तो वो आपको दौड़ाएगा। चुन लो दोनों में से क्या करना है और मैं देखूंगा कि आप क्रिमिनल को दौड़ा रहे हो या नहीं।
सोशल मीडिया का उपयोग
डीजीपी ने सभी SP को निर्देश दिया है कि हर जिला में सोशल मीडिया सेल का बेहतर उपयोग करें.पुलिस के एक्शन और अच्छे कार्यों को मीडिया और सोसल मीडिया के जरिए पब्लिक तक पहुंचाएं.इसके 24 घंटे काम करने वाली टीम बनाएं.इसमें सिर्फ एसपी की बड़ाई नहीं बल्कि पुलिस विभाग के अच्छे काम को फोकस करना चाहिए.अपराधियों के खिलाफ जानकारी के लिए आमलोगों का सहयोग लें.इसके लिए उनको आप अपना विश्वासी बनाए.
थानेदार और एसपी को खुलकर काम करने की छूट
डीजीपी ने अपने अधिकारियों को कहा कि थानेदार और एसपी को खुलकर काम करने को छूट मिलेगी...पुलिस मुख्यालय से एसपी को टोकाटोकी नहीं की जाएगी...सभी जिले के एसपी को डीआईजी और आईजी के साथ लगातार संपर्क में रहना होगा..विशेष परिस्थिति में ही एसपी मुख्यालय से सीधे बात करेंगे,,रूटीन काम आईजी और डीआईजी के माध्यम से होना चाहिए.इसके साथ ही सबसे ज्यादा क्राइम वाले थाना क्षेत्र में अधिकारियों को दौरा करना होगा.वे खुद उस थाना का दौरा करेंग और देखेंगे कि वहां के थानेदार और एसपी अपराधियों को दोड़ा रहें हैं या खुद दौड़ रहें हैं.उन्हौने पेट्रोलिंग की व्यवस्था को और दुरूस्त करने का निर्देश दिया.इसके साथ ही पुलिस लाइन की व्यवस्था को दुरूस्त करने का निर्देश दिया है.पुलिस जवानो के लिए नियमित ट्रेनिंग का भी निर्देश दिया गया है. अगर एफआईआर में कोई आवेदक जान बूझकर गलत नाम देता है तो आवेदकर से सवाल जवाब करें कि वे क्यों इसका नाम दे रहें हैं और इसके पीछे उनके पास क्या सबूत है.वहीं अनुसंधआन की प्रकिया को तुरंत शुरू करने के साथ ही उसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है.बड़े वारदात का अनुसंधान थानेदार खुद शुरू करें और बाद में दूसरे अधिकारियों को सौंपे..केस के आवंटन में भेदभाव नहीं होना चाहिए.ऐसा करने वाले थानेदार पर कार्रवाई होगी.
क्राइम रोकने पर फोकस
डीजीपी आरएस भट्टी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि घटना होने से पहले उसे रोकने का प्रयास होना चाहिए.इसके लिए आईबी एवं दूसरी खुफिया इनपुट पर लगातार ध्यान रखना होगा.स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों से संपर्क मे रहना होगा.किसी तरह के धरना, प्रदर्शन और थ्रेट्स की जानकारी मिलने पर समुचित तैयारी पहले से करना होगी.कौन लोग शांति भंग कर सकतें हैं और कितनी भीड़ हो सकती है..इसकी जानकारी लेकर प्लानिंग करना चाहिए.ड्यूटी में लगे फोर्स को पहले से ब्रीफ करना चाहिए.बिना मतलब के लाठी चार्ज करना एवं गलत व्यवहार करने से बचना चाहिए..मनमानी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.वहीं जरूरत और जस्टिस के लिए जरूरत पड़ने पर लाठी चलाने से पीछे नहीं हटना चाहिए.
अनुशसनहीनता और भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं
डीजीपी ने कहा कि अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं होगा..इसके लिए बुनियादी ट्रेनिंग रेगूलर तरीके से होना चाहिए। फिल्ड और ऑफिस, दोनों ही जगहों पर बैठने वालों की ट्रेनिंग होनी चाहिए। जिस तरह से BSAP में रिफ्रेशर कोर्स कराए जाता है, वैसे ही जिलों में कराना होगा।इसके साथ ही
यूनिफॉर्म सही तरीके से पहनना चाहिए और यूनिफॉर्म पहनने पर गौरव महसूस करना चाहिए.सभी जिलों के SP को इस बात पर ध्यान देना होगा।मोराल हाई रहने पर कोई भी व्यक्ति अपना बेस्ट देता है.इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा.इसके लिए सीनियर अधिकारी अपने नीचे के पदाधिकारी और फोर्स से मिलें। उनकी बातों को सुनें। जवानों के बैरक का इंस्पेक्शन करें। वहां की साफ-सफाई को देखें। उनका ख्याल रखें।