पूर्णिया एयरपोर्ट की फिर उठी मांग : सांसद के बाद अब सामाजिक कार्यकर्ता हुए एक्टिव, केन्द्रीय मंत्री को लिखी चिट्ठी, PM मोदी का हवाला देते हुए कर दी ये डिमांड

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 Demand for Purnia Airport arises again  Demand for Purnia Airport arises again

PURNIA : पिछले आठ सालों से लंबित पड़े पीएम पैकेज 2015 के तहत घोषित पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को लेकर लगातार आवाज़ बुलंद हो रही है। बीते दिनों पूर्णिया के प्रबुद्ध लोग सड़क पर उतरे और पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग दोहराते हुए भूख हड़ताल कर पूर्णिया से शीघ्र हवाई सेवा शुरू किए जाने के लिए आवाज बुलंद की थी।

वहीं, हाल ही में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने भी पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल से दिल्ली में मुलाकात की थी और शीघ्र पूर्णिया में एयरपोर्ट निर्माण और सुचारु रूप से संचालन हेतु कार्य शुरू करवाने का आग्रह किया।

लेकिन अब इसी क़ड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव ने भी केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि पीएम की प्रतिष्ठा अर्थात पीएम पैकेज बिहार 2015 का हिस्सा पूर्णिया एयरपोर्ट की शीघ्र शुरुआत के श्रेष्ठ हितों में निम्नलिखित तथ्यों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की कृपा करें:

पूर्णिया जिला प्रशासन द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित 52.18 एकड़ जमीन सिविल विमान निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, बिहार सरकार, पटना को 2 वर्षों पूर्व ही उपलब्ध कराने के बावजूद भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आजतक हैंडओवर नहीं लिया जाना, दुखदाई विषय बना हुआ है।

बिहार सरकार द्वारा अधिगृहीत 52.18 एकड़ भूमि हैंडओवर लेने के संबंध में, एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि 52.18 एकड़ जमीन तब तक नहीं ली जाएगी, जब तक कि अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन अधिग्रहित न हो जाए और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को सौंपने के लिए तैयार न हो जाए।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से प्राप्त एक आरटीआई के जवाब के अनुसार दरभंगा एयरपोर्ट के लिए बिहार सरकार द्वारा 52.65 एकड़ एवं 23.75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ। अधिग्रहित 23.75 एकड़ जमीन बिहार सरकार द्वारा एएआई को 14.11.22 को हैंडओवर हुआ, जिसका म्यूटेशन एएआई के पक्ष में 10.01.23 को हो गया। अधिग्रहित 52.65 एकड़ जमीन एएआई को 01.03.23 को बिहार सरकार द्वारा हैंडओवर हुआ, जिसका म्यूटेशन एएआई के पक्ष में 06.04.23 को हो गया।

जब दरभंगा एयरपोर्ट के लिए दो चरणों में जमीन का हैंडओवर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लिया गया तो पूर्णिया एयरपोर्ट के मामले में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की यह जिद्द है कि 52.18 एकड़ जमीन तब तक नहीं ली जाएगी, जब तक कि 15 एकड़ जमीन अधिग्रहित न हो जाए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपने के लिए तैयार न हो जाए। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का यह रवैया आश्चर्यजनक, आपत्तिजनक एवं निश्चित रूप से निगेटिव एट्टीट्यूड से ओत-प्रोत है।

बिहार सरकार द्वारा अधिगृहीत 52.18 एकड़ भूमि हैंडओवर लेने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश देने की कृपा करें। साथ ही पूर्णिया एयरपोर्ट पर जरूरी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया एवं अन्य जरूरी तैयारियां भी अविलंब शुरू करवाने की दिशा में निर्देश जारी करें, ताकि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत जमीन के हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य में विलंब न हो।

आधारभूत संरचना हेतु अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन का अधिग्रहण की कार्रवाई भी प्रक्रियाधीन है। अधिग्रहित एवं अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि का अक्षांश और देशान्तर भी पूर्णिया जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है। पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन पर सिविल एंक्लेव के परिचालन हेतु अधिग्रहित एवं अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि से एनएच 31 से एनएच 107 निर्माणाधीन फोरलेन बायपास होते हुए फोरलेन सड़क कनैक्टिविटी आधारित प्रगति सराहनीय एवं प्रशंसनीय स्थिति में पहुंच चुकी है। पूर्णिया के इंडियन एयरफोर्स स्टेशन परिसर में 1100 फीट रनवे अपग्रेडेड स्थिति में उपलब्ध है।

पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एंक्लेव के निर्माण हेतु बिहार सरकार एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) 05.06.2023 को हस्ताक्षरित होने के बावजूद पूर्णिया एयरपोर्ट उपेक्षित, विलंबित एवं साजिशों से ओत-प्रोत है, यह अकाट्य सत्य है।

पीएम पैकेज बिहार 15 का पार्ट नहीं होते हुए भी दरभंगा एयरपोर्ट लगभग चार वर्षों से ऑपरेटिव है जबकि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग पूर्णिया एयरपोर्ट के साथ ही 05.06.23 को ही हस्ताक्षरित हुआ था।

"उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान)",

"हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई जहाज पर चढ़ेगा",

"सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास"

और

"एक भारत श्रेष्ठ भारत एवं मोदी की गारंटी"

माननीय प्रधानमंत्री जी के मूल्यवान एवं श्रेष्ठतम सिद्धांत हैं। दुर्भाग्यवश इन सभी के लाभों से पूर्णिया एयरपोर्ट नौ वर्षों से वंचित हैं। पूर्णिया एयरपोर्ट के पास सिविल एविएशन सेवाओं से संबंधित एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने के विषय पर सहानुभूतिपूर्वक एवं गंभीरतापूर्वक विचार करने के लिए भी अनुरोध करता हूं।

दरभंगा एयरपोर्ट की तर्ज पर पूर्णिया एयरपोर्ट की शीघ्र शुरूआत पोर्टा केबिन सिविल एंक्लेव से शीघ्रता के साथ करवाने की कृपा करें। पूर्णिया एयरपोर्ट की 150 किलोमीटर त्रिज्या अंतर्गत बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं मित्र राष्ट्र नेपाल की करोड़ों आबादी के लिए पूर्णिया एयरपोर्ट लाइफलाइन है एवं बहुत मूल्यवान भी है।

बागडोगरा (सिलिगुड़ी), दरभंगा और पटना से हवाई जहाज की सेवाओं का लाभ लेने वालों को छह हजार से सात हजार रुपए टैक्सी भाड़ा लगता है, पांच से छह घंटे समय की बर्बादी होती है, बहुमूल्य एवं कीमती पेट्रोल एवं डीजल की बर्बादी होती रहती है। इन सभी बर्बादियों एवं परेशानियों से ओतप्रोत मुश्किलों का सामना पूर्णिया एयरपोर्ट के 150 किलोमीटर की त्रिज्या अंतर्गत आने वाली करोड़ों आबादी को प्रायः करना पड़ता है।

एयरपोर्ट और एयर कार्गो की सुविधाएं पूर्णिया में नहीं होने के कारण बिहार सरकार को जीएसटी एवं अन्य राजस्व आधारित मदों में करोड़ों रुपए का नुकसान प्रति वर्ष होता है और इसका लाभ पश्चिम बंगाल सरकार को बागडोगरा एयरपोर्ट के कारण होता है। साथ-साथ इस क्षेत्र के चहुमुखी विकास पर भी बुरा प्रभाव निश्चित रूप से पड़ता है।

उपरोक्त तथ्यों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए पूर्णिया एयरपोर्ट की शीध्र शुरुआत पोर्टा केबिन सिविल एंक्लेव से करवाने के विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के लिए प्रार्थना करता हूं। "उम्मीदों के साथ"। "शुभकामनाएं"।