डेढ़ साल बाद आमने-सामने हुए शाह-नीतीश : इशारों ही इशारों में खूब चले तीर, अब क्या होगा अगला दांव
पटना : पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बहुप्रतिक्षित और चर्चित 26वी. बैठक रविवार कों संपन्न हो गयी.केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूर्वी राज्यों के सिर्फ एक वजीरेआला नीतीश कुमार मौजूद रहे जबकि उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को भेजकर बैठक का सम्मान किया. हालांकि पिछले वर्ष कोलकाता में हुई 25 वीं बैठक में सूबे बिहार के मुखिया नीतीश कुमार खुद ना जाकर अपने भतीजे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मीटींग मे भेजा था.
अगस्त 2022 में बीजेपी के साथ छोड़ने के बाद अमित शाह और नीतीश की यह पहली मुलाकात थी जब दोनों नेता बिहार मे एक साथ बैठे थे. हालांकि जिस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले केन्द्र सरकार ने बिहार में यह बैठक रखी थी वैसी स्थिति मे नीतीश नही चाहते हुए भी इस बैठक में शामिल हुए.हालांकि 5 राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी के बढे़ मनोबल और इंडिया गठबंधन के बढ. रहे संकट के बीच ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि इस बैठक के बहाने ही नीतीश और शाह एक साथ मिलेगें तो पुरानी दोस्ती की याद ताजा होगी और संभव है कि फिर दोनों एक दूसरे के करीब आयें.
लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा .बैठक में नीतीश खुद ही नहीं पहुंचे अपने भतीजे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी के साथ - साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय झा को भी साथ लेकर आये. बैठक में नीतीश ने अमित शाह का गर्मजोशी के साथ तो किया ही लगे हाथ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और जातिगणना को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर डाली. जबकि कोशी में हाइडैम के निर्माण की मांग कर संजय झा ने केन्द्र सरकार को घेरने की जमकर तैयारी की. नीतीश की तैयारी से यह लगा कि केन्द्र सरकार को बैकफूट पर लाने में वे कामयाब रहे और इशारों - इशारों में जमकर तीर भी चलाया.
लेकिन राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह भला कब मानने वाले थे विशेष राज्य के दर्जे की मांग को तो उन्होनें अनसुना किया ही जातीय गणना की रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान लगा दिया. ऐसे में दोनों नेताओं के मिलन का जो राजनीतिक फायदा होने की उम्मीद जतायी जा रही थी हुआ अब ठीक इसका उल्टा. यानि बड़ी मुद्दत के बाद मिले भी तो मिले क्या . हालांकि बैठक के अंदरखाने की खबर दोनों तरफ से आम जनता को दिया गया है लेकिन दोनों का मजमून देखने के बाद साफ दिख रहा है कि दोनों के घाव गंभीर हैं जो फिलहाल ठीक होनेवाला नही है.
अशोक मिश्रा , संपादक .