नीतीश के सारथी बने ललन : बीजेपी के खिलाफ खोला मोर्चा, PM पर सीधा हमला


पटना : देश में लोकसभा चुनाव में भले ही अभी करीब एक साल की देर है. बिहार में भी लोकसभा चुनाव से पहले कोई बड़ा चुनावी दंगल होने की संभावना भी कम ही है जिसमें बीजेपी और जदयू आमने सामने फरिया सकें. लेकिन बिहार की सियासत में चुनावी शतरंज की बिसात बिछनी शुरू हो गयी है . जदयू और बीजेपी एक दूसरे से फरिया लेने के मूड में हैं. हालांकि विधान सभा में सदस्य संख्या के हिसाब से बीजेपी का नंबर वन दुश्मन राजद होना चाहिये लेकिन आमने सामने बीजेपी और जदयू है जिसकी विधान सभा में हैसियत तीन नंबर की है.और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है खुद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने.
करीब डेढ दशक से ज्यादा समय तक बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चलानेवाले जद यू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ मधुर संबंध रहा है यही वजह है कि बीजेपी के सरकार के अंदर और बाहर .रहने के बावजूद जद यू के नेता बीजेपी के खिलाफ अमूमन आक्रामक कम रहे है. साथ ही ललन सिंह के पूर्ववर्ती अध्यक्षों का संबंध भी बीजेपी के नेताओं के साथ बेहतर रहा है चाहे वह जार्ज फर्णांडिज के बाद शरद यादव रहे हों या फिर खुद नीतीश कुमार या फिर आर सी पी सिंह .इन लोगों ने बीजेपी की नीतियो या फिर मतभेंदो पर विरोध की केवल औपचारिकतायें निभाई. लेकिन बीजेपी के विरोध की नीव पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालनेवाले ललन सिंह को नीतीश कुमार ने इस लिये यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वे बीजेपी के खिलाफ मोर्चा पर डटे रहें और नीतीश के इस टास्क को ललन बखूबी निभा भी रहे.
दरअसल अगस्त 2022 में बीजेपी से अलग होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 में बीजेपी को केन्द्र की सत्ता से बेदखल करने का एलान किया था.इस बावत नीतीश ने दिल्ली का दौरा भी किया था. साथ ही बीजेपी विरोधी नेताओं से मुलाकात भी की थी . लेकिन कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण नीतीश की कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत नही हो पायी . फिर नीतीश की समाधान यात्रा और बिहार विधान मंडल सत्र के कारण दिल्ली का दौरा नही बन पाया . लेकिन सत्र की समाप्ति के बाद नीतीश का दिल्ली दौरा राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ महत्व पूर्ण बैठक के बाद अरविंद केजरी वाल ,ममता बनर्जी अखिलेश यादव और वामपंथी दलो के साथ हुई मुलाकात के बाद जद यू नेतृत्व यह समझने लगा है कि अगर नीतीश को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पी एम का उम्मीदवार बनाना है तो बीजेपी के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़नी होगी . शायद यही वजह है कि जद यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अब सीधा हमला प्रधानमंत्री पर बोला है.
मणिपुर की हिंसक घटना पर सीधे पी एम को टारगेट करते हुए ललन सिंह ने कहा है आदरणीय प्रधानमंत्री जी देश के पूर्वोत्तर मे मणिपुर जल रहा है और आप कर्नाटक चुनाव में रोड शो कर रहे हैं. वहां धार्मिक उन्माद कैसे फैले और चुनाव में लाभ मिले इसमें आप व्यस्त हैं.मणिपुर की समस्या के निराकरण की बात तो आप छोड़ दीजिये आप संवेदना के दो शब्द भी नही बोल रहे हैं.वाह रे देश की सरकार . मणिपुर जल रहा औ और आदरणीय प्रधानमंत्री जी कर्नाटक मे वंशी बजा रहे हैं.जदयू के बड़े नेता का प्रधानमंत्री पर सीधा हमला यह साफ संकेत दे रहा है कि पार्टी अब पूरी तरह से आर पार के मूड में है.
ललन सिंह का बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व पर सीधा हमला यह पहला नही है. शनिवार को भी ललन सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा को निशाने पर लिया था. दर असल कर्नाटक विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान श्री नडडा ने दावा किया था कि 2014 के पहले देश घुटनो के बल चल रहा था लेकिन अब अपने पैरों पर चलने लगा है. ललन सिंह ने नड्डा के इस बयान को राजनीतिक दिवालियापन बतलाते हुए कहा कि उन्हे भारत के हजारो साल के इतिहास को समझना चाहिये. ललन सिंह ने कहा कि भारत की धरती राम , भगवान महावीर को भी जन्म दिया है और बुद्ध का संदेश भी यहीं से निकला है.यह वही धरती है जहां गांधी सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह चंद्रशेखर नेहरू पटेल जैसे राष्ट्र भक्त थे जिन्होनें आधुनिक भारत की नींव रखी थी . लाल बहादुर शास्त्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी बाजपेयी जैसे पी एम हुए जिन्होनें एक बार नही कई बार पाकिस्तान के दांत खट्टे किये..कर्नाटक और मणिपुर के बहाने बीजेपी नेतृत्व पर सीधा हमला करना इस बात का साफ संकेत है कि जद यू आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है.यो ललन इसे पहले भी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर निशाना साध चुके हैं.
यानि नीतीश ने जो जिम्मेवारी ललन को सौपी है उसका वह बखूबी निर्वाह ही नही कर रहे नीतीश के लिये लाठी लेकर तैयार है. यानी जो नीतीश को भाये वही ललन जिम्मेवारी निभाये . बिहार ही नही नही देश की राजनीति में नीतीश और ललन की जोड़ी सुर्खियों में रही है . नीतीश की मंजिल दिल्ली तक पहुंचाने के लिये ललन की यह मोर्चे बंदी कितनी कामयाब होती है देखिये आगे - आगे होता है क्या.
अशोक मिश्रा की रिपोर्ट