डॉ. आलोक कुमार सुमन पर CM नीतीश को भरोसा : मुख्यमंत्री ने दिया सिंबल, क्या तोड़ पाएंगे गोपालगंज का मिथक?

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 CM Nitish gave symbol to Dr. Alok Kumar Suman  CM Nitish gave symbol to Dr. Alok Kumar Suman

GOPALGANJ : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों के बीच सिंबल का वितरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में जेडीयू सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार सुमन को आज सीएम नीतीश कुमार ने सिंबल दे दिया है।

आपको बता दें कि डॉ. आलोक कुमार सुमन एनडीए के दूसरी बार उम्मीदवार बने हैं। गोपालगंज में सुरक्षित लोकसभा सीट पर छठे चरण में चुनाव होना है और 25 मई को यहां मतदान होना है। वहीं, दूसरी तरफ महागठबंधन की ओर से वीआईपी के खाते में गोपालगंज की सीट गई है लेकिन अब तक वीआईपी ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

गरीबी में गुजरा बचपन

गौरतलब है कि लोकसभा में सर्वाधिक उपस्थिति वाले एक सफल सांसद के रूप में जाने जाते हैं लेकिन उनका बचपन गरीबी में कैसे गुजरा और डॉक्टरी से राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ, ये कम ही लोग जानते हैं। गोपालगंज के एक छोटे से गांव जादोपुर दुखहरण में जन्मे डॉ आलोक कुमार सुमन का बचपन बेहद गरीबी में बीता है।

डॉ आलोक कुमार सुमन के पिता जय श्रीराम एक ट्रक ड्राइवर थे और उनकी माता पतिया देवी गृहिणी। 60 के दशक में जन्मे डॉ. आलोक कुमार सुमन के घर में खाने के लाले थे। पहनने को फ़टे-पुराने कपड़े थे तो पढ़ने के लिए कॉपी-किताब तक नहीं थे। हालांकि वे पढ़ने में होनहार थे लिहााजा अपनी मेहनत के बलबूते उन्होंने छोटे से गांव से निकलकर संसद तक का सफर तय किया।

क्या तोड़ पाएंगे गोपालगंज का मिथक?

गोपालगंज संसदीय सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती है. इनमें गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे, हथुआ, बरौली और बैकुंठपुर विधानसभा शामिल है. उत्तर प्रदेश के देवरिया और कुशीनगर जिला से सटा गोपालगंज गंडक नदी के किनारे बसा है. यहां की पूरी व्यवस्था खेती पर आधारित है. डॉ आलोक कुमार सुमन का परिवार मेडिकल लाइन में है. उनके छोटे भाई स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल अफसर हैं और दो बेटे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया में सेवा दे रहें हैं.

विदित है कि गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र का एक मिथक है। 1973 में सारण से अलग होकर जिला बना। साल 1980 के बाद यहां दोबारा कोई सांसद नहीं बना लिहाजा ये सवाल उठ रहा है कि डॉ. आलोक कुमार सुमन क्या इस मिथक को तोड़ पाएंगे।


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