चतरा के टंडवा हाईस्कूल में गहराया जल संकट : छात्र-छात्राएं प्यास बुझाने से लेकर शौच तक बाहर जाने को मजबूर, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

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चतरा : जिले के प्रतापपुर प्रखंड स्थित टंडवा उत्क्रमित +2 हाईस्कूल में पानी की गंभीर किल्लत से छात्र और छात्राओं के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है.

बता दें कि स्कूल में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्राओं को खुले में शौच जाने को विवश होना पड़ रहा है,जो उनकी सुरक्षा और गरिमा के साथ बड़ा खिलवाड़ है. इस चिपचिपाती गर्मी में छात्रों की प्यास बुझाने के लिए भी स्कूल में कोई पर्याप्त विकल्प मौजूद नहीं हैं. स्कूल के छात्र-छात्राएं पानी की कमी के चलते भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं. उन्हें प्यास बुझाने के लिए भी बाहर जाना पड़ता है,और शौच के लिए तो उनके पास खुले में जाने के अलावा कोई चारा नहीं है. यह स्थिति बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए बेहद खतरनाक है.

इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने इस गंभीर समस्या को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर पीएचईडी (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) विभाग तक को कई बार गुहार लगाई है. इसकेबावजूद अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. स्कूल में पानी की समस्या दूर करने के लिए पहले भी दो बोरिंग की गई थीं,लेकिन अभी गर्मी के दिनों में जलस्तर नीचे जाने से पानी नहीं आ रहा है. पीएचईडी विभाग ने चुनाव के समय स्कूल में 300 फीट की एक और बोरिंग कराई थी,लेकिन दुर्भाग्य से वह भी पूरी तरह सूखी निकली.

इस संबंध में,पीएचईडी जेई अमित कुमार ने बताया कि 300 फीट बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं मिला है,जिसके बाद 700 फीट तक बोरिंग करने की मांग का नोटिस जिला को दिया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आदेश मिलने के बाद बोरिंग का काम शुरू हो सकता है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी स्वीकारी समस्या

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी इस मामले में स्वीकार किया है कि स्कूल में पानी की समस्या गंभीर है. उन्होंने बताया कि इस मामले में चतरा पीएचईडी विभाग और चतरा उपायुक्त को पत्र सौंपा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रिपोर्ट आते ही स्कूल की समस्या को दुरुस्त कर दिया जाएगा. टंडवा उत्क्रमित +2 हाई स्कूल का यह मामला ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की बदहाली और मूलभूत सुविधाओं की कमी को उजागर करता है जहां सरकार एक ओर शिक्षा और स्वच्छता पर जोर दे रही है,वहीं दूसरी ओर ऐसे हालात बच्चों को बुनियादी अधिकारों से भी वंचित कर रहे हैं. क्या जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाएगा,ताकि बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित माहौल में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिल सके.

चतरा से कुमार चंदन की रिपोर्ट--