सिविल सर्विसेज डे कार्यक्रम का आयोजन : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सचिवालय सभागार में कार्यक्रम में हुए उपस्थित

Edited By:  |
Reported By:
civil services day karyakram ka aayojan civil services day karyakram ka aayojan

रांची : झारखंड सचिवालय सभागार में आज सिविल सर्विसेज डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थित हुए.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में पहली बार सिविल सर्विसेज डे कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस दिवस के अवसर पर मैं आप सभी लोक सेवकों को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. आप सभी लोग कार्यपालिका के ऐसे हिस्सेदार हैं जिसके बगैर राज्य की व्यवस्था चलाना संभव नहीं है. आप सभी के कंधों पर तमाम चुनौतियों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारियां भी दी जाती हैं. राज्य के अंदर रहने वाले लोगों को मदद एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं उनका संरक्षण तथा राज्य की बेहतरी के लिए कार्ययोजनाएं बनाने की जिम्मेदारी आप सभी पर है.

किसी भी राज्य अथवा देश को मजबूत करने की दिशा में कार्यपालिका की अहम भूमिका होती है. अन्य राज्यों तथा देशों में भी कार्यपालिका की व्यवस्थाएं हमारे राज्य एवं देश की कार्यपालिका से मिलती-जुलती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्थाओं के अंदर लोक सेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है. लोक सेवकों का कार्य करने का दायरा बहुत बड़ा है. झारखंड में2000लोक सेवकों का स्ट्रेंथ है. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा के लिए2हजार लोक सेवकों का आंकड़ा कहीं से भी कम दिखाई नहीं पड़ता है. जरूरत है कि हम और आप सभी लोग अपने कार्यों को ईमानदारी,संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पूरा करें.

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आप सभी लोक सेवक झारखंड की भौगोलिक बनावट से भलीभांति परिचित हैं. झारखंड एसटी/एससी बहुल आबादी वाला राज्य है. झारखंड अलग हुए20साल से अधिक हो चुके हैं. आज भी झारखंड जहां था वहीं खड़ा है. झारखंड देश के पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में प्रकृति ने अपार संपदाएं दी हैं. झारखंड सिर्फ खनिज संपदा ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य एवं बहु प्रतिभा मानव बल के लिए भी जाना जाता है. हमारे पास वैसा कोई कारण नहीं है जिससे हम पिछड़े राज्यों के गिनती में शुमार हो परंतु यह सत्य है कि आज के समय में झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में से एक राज्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारें आती-जाती रहती हैं. राजनेता आते-जाते रहते हैं. परंतु आप सभी लोक सेवक लंबे समय तक राज्य की सेवा में कार्यरत रहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सफलतापूर्वक धरातल पर उतारी जा सकती हैं जब अधिकारी झारखंड की जनता के रहन-सहन तथा भाषा,संस्कृति के साथ समन्वय बनाएंगे. हमारे राज्य का पिछड़ापन होने का एक मुख्य कारण यह भी है कि यहां के लोगों के साथ अधिकारियों का कम्युनिकेशन बिल्कुल नहीं बन पा रहा है और जब तक कम्युनिकेशन यहां की जनता के साथ अधिकारियों का नहीं बनेगा तब तक योजनाएं सफल नहीं हो पाएंगी. जब तक स्थानीय लोगों के साथ आप भाषा का समन्वय नहीं बनाएंगे तब तक उनके बीच चीजों को ठीक तरह से नहीं रख पाएंगे और विकास की यात्रा आगे नहीं बढ़ पाएगी. मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी लोक सेवकों से आग्रह किया कि राज्य की जनता के साथ कम्युनिकेशन बनाते हुए विकास की पहिए को आगे बढ़ाएं. मुख्यमंत्री ने सभी लोक सेवकों से अपील की कि आप ऐसा कार्य करें कि आप जहां भी जाएं वहां लोग आपका मान-सम्मान करें.

किसान से खेतिहर मजदूर बन रहे हैं लोग

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने किसानों की वर्तमान हालात को लेकर चिंता जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि विजन के अभाव में लगातार किसान वर्ग के लोग खेतिहर मजदूर बन रहे हैं. राज्य में किसानों की संख्या निरंतर घटती जा रही है. वहीं खेतिहर मजदूरों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वांगीण विकास की चाह में कहीं न कहीं कुदरती संसाधनों के साथ छेड़-छाड़ करने का गुनाह किया जा रहा है. यह बात सत्य है कि विकास अत्यंत आवश्यक है परंतु प्राकृतिक संसाधनों के साथ समन्वय बैठाना भी उतना ही आवश्यक है. प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर हम विकास की लकीर नहीं खींच सकते हैं. प्राकृतिक संसाधनों के साथ छेड़खानी करने का नतीजा है कि आज बिन मौसम बारिश,बाढ़,भूकंप,जरूरत से ज्यादा गर्मी लगना इत्यादि प्राकृतिक आपदाएं हमारे बीच मंडराती रहती हैं. जैसा कि इस कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने अपनी-अपनी बातें रखी हैं. उसी क्रम में यह बात सामने आई कि वर्ष1933में झारखंड में जंगलों की स्थिति क्या थी और आज स्थिति कैसी है और आने वाले20साल बाद की स्थिति क्या होगी?किस तरह वन्य प्राणियों को संरक्षित की जा सके यह अब हम सबके बीच चुनौती बनने जा रहा है.

राज्य को बेहतर दिशा देने में आप लोक सेवकों की भूमिका अहम

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आप सभी लोक सेवक उन प्रथम पंक्ति के लोग हैं जो चुनौतियों को स्वीकार करते हुए राज्य को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले सकते हैं. राज्य में 2000 लोक सेवकों का एक बेहतर स्ट्रैंथ है. इस स्ट्रैंथ में आईएएस, आईपीएस एवं आईएफएस तथा प्रशासनिक पदाधिकारी सम्मिलित हैं. कई चीजों पर आप शोध करते हैं. राज्य की जरूरतों को महसूस करते हैं. आप सभी लोग समय-समय पर विभिन्न राज्यों या अन्य देशों का दौरा भी करते हैं चाहे कार्य सरकारी हो या व्यक्तिगत. आप जहां भी जाते होंगे वहां और झारखंड के फर्क को महसूस भी करते होंगे. अन्य राज्यों में और झारखंड में कैसे चीजें अलग-अलग स्थापित हैं उनके क्या कारण है, यहां की कार्यपालिका और वहां की कार्यपालिका के कार्य करने की शैली किस प्रकार की है यह भी जानते हैं. आप सभी लोग जहां भी जाते होंगे वहां व्यवस्थाएं एक समान नहीं दिखती होंगी कहीं अच्छी तो कहीं खराब भी नजर आती होगी. आप सभी लोग वेल ट्रेंड लोग हैं. राज्य की भावी पीढ़ी का विकास आपके कंधों पर है. आज आप सभी लोक सेवकों के लिए एक संकल्प लेने का दिन है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 16वीं सिविल सर्विसेज डे के रूप में हम सभी लोग एकत्रित हुए हैं. परंतु राज्य में यह कार्यक्रम पहली बार हो रहा है. यूं तो वर्ष 1947 में ही तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सिविल सर्विसेज के पदाधिकारियों को संबोधित किया था. आज फिर से उस महत्वपूर्ण क्षण को दोहराने का प्रयास हुआ है. मेरी ओर से आप सभी लोक सेवकों को बधाई एवं शुभकामनाएं.


Copy