गीता कोड़ा को मिली 25 करोड़ की योजना की स्वीकृति : सीबीआई, ईडी और एनआईए कर सकती है जांच

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CBI, ED and NIA can investigate CBI, ED and NIA can investigate

चाईबासा:- पश्चिमी सिंहभूम जिलें में डीएमएफटी फण्ड का लूट इस कदर हुआ है कि केंद्र सरकार जिले में डीएमएफटी फंड की जांच सीबीआई, ईडी और एनआईए से करा सकती है। पश्चिमी सिंहभूम जिला में विकास योजनाओं को अपने छेत्र में कराने को लेकर खींचा तानी शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो सबसे कम योंजना की स्वीकृति जगन्नाथुर के विधायक सोना राम सिंकू का हुआ है, वहीं लोकसभा छेत्र के अनुपात में सांसद गीता कोड़ा को अब तक 25 करोड़ की योंजना की स्वीकृति दी गई है। सदर विधायक को भी अनुशंसा के अनुपात में कम योंजना की स्वीकृति मिली है। सबसे अधिक योजना राज्य सरकार की कैबिनेट मंत्री जोबा मांझी के छेत्र में दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। मझगाँव विधायक निरल पूर्ति के छेत्र में योजना की स्वीकृति औसतन ठिक है। सूत्रों के अनुसार चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव अपने छेत्र में योजनाओं की स्वीकृति से संतुष्ट नहीं हैं। सभी माननीय अपने छेत्र में कम से कम 50 करोड़ तक की योंजना की स्वीकृति देने का प्रस्ताव पिछले बैठक में डीसी से कर चुके हैं।

योजनाओं की स्वीकृति में विलम्ब होने से भी माननीय लोग कांफी नाराज़ हैं। सूत्रों के अनुसार सबका कहना है की समय पर सभी विधायक के अनुशंसा पर एक साथ योंजना की स्वीकृति दी जाएगी तो सभी संवेदकों को काम में एडजस्ट किया जा सकता है,लेकिन थोड़ा थोड़ा योजना की स्वीकृति मिलने से संवेदकों के बीच असमजस की स्थिति बन जाती है। विपक्ष और जिला परिषद सदस्य के द्वारा डीएमएफटी फंड को मात्र सांसद और विधायक के अनुशंसा पर स्वीकृति देने से अक्रोशित हैं। केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह अपने चाइबासा भ्रमण में डीएमएफटी फंड की योजना में लूट का जिक्र कर चुके हैं। वहीं भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल भी इस मामले में उठा चूकें हैं। आने वाला चुनाव में डीएमएफटी फंड में लूट,कमिशन और भ्रष्टाचार मुद्दा बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

डीएमएफटी फंड से खनन प्रभावित क्षेत्र के नोआमुंडी प्रखंड को सवास्थ्य और शिक्षा के छेत्र में योजना की स्वीकृति नहीं दी गई है,जबकि सरकार बार-बार खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास और कल्याण की योजना को लागू करने का निर्देश देती है। आज जिला में डीएमएफटी फंड की कोई कमी नहीं है ऐसे में जनप्रतिनिधि अपने छेत्र में दिल्ली के तर्ज पर मोहल्ला क्लिनिक और सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का काम करना चाहिए। लेकिन जनप्रतिनिधि तो सिर्फ पीसीसी सड़क तक ही अपनी सोंच को अटका रखा है।

वर्ष 2020 में सांसद गीता कोड़ा ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के सभी 15 वर्ष से लंबित सवास्थ्य योजनाओं को पुरा करने की मांग लिखित रूप से डीसी को दी हैं,लेकिन इस महत्वपूर्ण योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आने वाले समय में केंद्र सरकार डीएमएफटी फंड की जांच सीबीआई, ईडी और एनआईए से करा सकती है। क्यों की इस योजना के कमिशन को आने वाले चुनाव प्रचार अभियान में लगाया जा सकता है।साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की भी लिस्ट गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है।


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