Bihar News : जातीय गणना की रिपोर्ट के बाद बिहार कांग्रेस में दो फाड़!, सवर्णों की घटती आबादी पर उठ रहे सवाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
PATNA :जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार में सियासत गरमा गयी है। रिपोर्ट को लेकर एकतरफ तो कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ सवर्णों की आबादी घटने पर भी चिंता जाहिर की जा रही है। जातीय गणना की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व काफी उत्साहित है तो दूसरी तरफ बिहार में पार्टी बंटी नज़र आती है।
बिहार कांग्रेस में दो फाड़!
बिहार में सवर्णों की घटती आबादी पर बिहार कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और चिंता जाहिर की है। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने तो बिहार में सवर्णों की घटती आबादी को लेकर कई पोस्ट साझा किए हैं। वहीं, दूसरे नेताओं की माने तो बिहार से भारी संख्या में सवर्णों का पलायन हुआ है। इसके लिए वे अप्रत्यक्ष तौर पर लालू राज को जिम्मेदार ठहराते हैं।
बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने उठाए सवाल
इस पूरे मामले पर बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि आखिर सवर्णों की संख्या इतनी कम कैसे हो गयी? उन्होंने वीकिपीडिया का भी हवाला दिया है और लिखा है कि आखिर जो सवर्ण 2022 तक 22 फीसदी थे, वे अब 11 फीसदी पर कैसे आ गये।
"सवर्णों की घटती आबादी पर गंभीरता से सोचे सरकार"
इसके साथ ही अनिल शर्मा ने जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागेदारी की तर्ज पर तीन डिप्टी सीएम बनाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को तत्काल एक अत्यंत पिछड़ा, एक मुस्लिम और एक एससी समुदाय का डिप्टी सीएम बनाना चाहिए। वहीं, सवर्णों की घटती आबादी पर किशोर कुमार झा ने कहा कि सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को कहा कि ‘जितनी आबादी उतना हक’ के नारे का समर्थन करने वाले लोगों को पहले इसके नतीजों को भी समझना होगा। अगर जितनी आबादी उतना हक़ पर काम होगा तो बहुसंख्यवाद का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, बाद में अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे संबंधित अपने पोस्ट को डिलीट कर दिया और कांग्रेस को इस पर सफाई देनी पड़ गई। अभिषेक मनु सिंघवी के बयान के बाद कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने 'एक्स' पर कहा था कि जाति जनगणना पर अभिषेक मनु सिंघवी की राय निजी है, यह पार्टी का स्टैंड नहीं है।
रिपोर्ट से कांग्रेस के कई नेता उत्साहित
हालांकि, दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस के कई नेता जातीय गणना की रिपोर्ट को सराह रहे हैं और कह रहे हैं कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अब कमजोर वर्ग के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।