शिक्षक नियुक्ति को लेकर बड़ा अपडेट.. : BPSC अगले सप्ताह जारी करेगी सिलेबस.. तो माह के अंत तक निकालेगी विज्ञापन !
Patna:-नयी नियमावली के तहत शिक्षक नियुक्ति की जिम्मेवारी नीतीश सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग(Bpsc) की दी गयी है..जिम्मेवारी मिलने के साथ ही बीपीएससी परीक्षा लेने की तैयारी में जुट गयी है.
खबर मिली है कि अगले सप्ताह बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति सं संबंधित सिलेबस जारी कर देगी. 16 मई को सिलेबस जारी हो सकती है.सिलेबस में बीपीएससी अपना स्तर बनाए रखेगा.इसका संकेत खुद बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट करके दिया था.शिक्षा विभाग के साथ मिलकर सिलेबस तैयार किया जा रहा है.सिलेबस जारी करने के बाद मई के अंत तक 1 लाख 78 हजार 26 पद के लिए विज्ञापन भी निकाला जा सकता है,जिसकी तैयारी जोर शोर से की जा रही है.
बताते चलें कि सरकार द्वारा बनायी गई नयी शिक्षक नियमावली का नियोजित शिक्षक संघ और शिक्षक अभ्यर्थी संघ लगातर विरोध कर रहें हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहें हैं.नियोजित शिक्षक संघ का कहना है कि उन्हें बिना कोई परीक्षा दिए ही राज्यकर्मी का दर्ज दिया जाए और नयी नियमावली के तहत निर्धारित वेतन का लाभ दिया जाय,जबकि शिक्षक अभ्यर्थी संघ का कहना है कि उन्हौने पहले से ही शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री के साथ ही TET,STET या CTET पास किया हुआ है और उसे बिना किसी परीक्षा लिए ही शिक्षक की नौकरी दी जाए.इससे पहले छठे चरण तक जिस तरह से सर्टिफिकेट के आधार पर मेरिट लिस्ट बनायी गयी थी.उसकी तरह का मेरिट लिस्ट बना कर उन्हें शिक्षक बनने का अवसर दिया जाय.
हलांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की नयी नियमावली का विरोध करने वाले शिक्षक अभ्यर्थी संघ से जुड़े युवा परीक्षा की तैयारी में भी जुट गए हैं.अभ्यर्थियों का एक वर्ग नयी नियमावली के तहत होने वाली नियुक्ति के खिलाफ कोर्ट जाने के पक्ष में भी नहीं है,क्योंकि इससे नियुक्ति की प्रकिया में और देरी हो सकती है.इसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थी संघ के अलग अलग सोसल ग्रुप में लगातार चर्चा हो रही है कि आग क्या कदम उठाया जाना चाहिए.सिर्फ विरोध करने पर ही अपना समय बर्बाद करना चाहिए या फिर परीक्षा की तैयारी में लग जाना चाहिए...
गौरतलब है कि छठे चरण के खत्म होने से पहले ही सातवें चरण के शिक्षक नियोजन के लिए आन्दोलन शुरू हो गया था.इसके लिए सड़क पर हजारों अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करते हुए लाठियां भी खायी थी,उस समय के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने छठे चरण के खत्म होने के ठीक बाद सातवें चरण के शिक्षक नियोजन शुरू करने करने का आश्वासन दिया था क्योंकि छठे चरण में एसटीईटी से जुड़े कुछ अभ्यर्थियों का मामला पटना हाईकोर्ट में चल रहा था.इस बीच सातवें चरण की शुरूआत होने से पहले बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी को छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली. और इसमें शिक्षा विभाग जेडीयू के हाथ से निकल कर आरजेडी कोटे में आ गयी.
2020 के चुनाव में 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा करने वाले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने प्रो चन्द्रशेखर को शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा.नये शिक्षा मंत्री ने शिक्षक नियुक्ति की पूरी प्रकिया ही बदलने का निर्णय लिया.यही वजह है कि नई नियमावली के बनने और उसको कैबिनेट से पास कराने में ही कई महीने लग गए.जब नयी नियमावली बनी तो नियोजित शिक्षकों के साथ ही शिक्षक अभ्यर्थियों ने विरोध करना शुरू कर दिया..इस विरोध का बावजूद सरकार नयी नियमावली के तहत ही शिक्षक नियुक्ति कराने के फैसले पर अडिग है..और उसने बीपीएससी को जिम्मेवारी सौंपी . उम्मीद है कि बीपीएससी को जिम्मवारी मिलने के बाद नियुक्ति में अब ज्यादा विलंब नहीं होगा और लालू राज के 1994 के बाद फिर से बीपीएससी प्रतियोगिता परीक्षा शिक्षक सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं को मिल पायेंगे.