BIG BREAKING : पुलिस ने 3 साइबर अपराधियों को धर दबोचा, 7 मोबाइल,12 सिम कार्ड,7 एटीएम कार्ड और 3 बाइक बरामद
जामताड़ा: बड़ी खबर जामताड़ा से जहां साइबर पुलिस ने करमाटांड़ एवं सदर थाना क्षेत्र में छापेमारी कर 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास 7 मोबाइल,12 अवैध सिम कार्ड,7 एटीएम कार्ड,3 हाईटेक बाइक जब्त किया गया है.
बताया जा रहा है कि पुलिस ने करमाटांड़ थाना के ताराबहाल से जियेन्द्र मंडल को पकड़ा है. वहीं सदर थाना के चेंगाइडीह से जहीउद्दीन अंसारी और अशरफ अंसारी को फिसिंग के दौरान दबोचा है. वहीं प्रदीप मंडल व कमरुद्दीन अंसारी पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया. सभी के खिलाफ कांड संख्या 62/ 2022 दर्ज हुआ है. जिन्हें मेडिकल जांच के बाद जेल भेजा गया है. इसकी पुष्टि साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार पंजिकार ने की है.
आपको बता दें कि ये सभी हिस्ट्रीशीटर साइबर ठग पुलिस जांच और वैध प्रमाण के नहीं मिलने से एक निश्चित अंतराल पर जेल से बाहर आ जाता है. फिर नये अंदाज में साइबर ठगी को अंजाम देने लगता है. यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.
इसके पीछे का सच यह है कि "जामताड़ा में देश की अजूबा पुलिस व्यवस्था है. जहां एकतरफा पुलिसिया कार्रवाई बदस्तूर जारी है. इसमें करमाटांड़, नारायणपुर और जामताड़ा थाना क्षेत्रों की युवा पीढ़ी जेल के सलाखों में कैद है. जी, हां। यहां साइबर अपराध में पीड़ित पुलिस के यहां नहीं पहुंचती है. बल्कि पुलिसिया कार्रवाई के बाद पुष्टि के लिए पुलिस पीड़ित से संपर्क करती है. उनसे संपर्क करने के दौरान पुलिस को लोहे का चना चबाना पड़ता है. अक्सर जामताड़ा सुनते ही पीड़ित फोन काट देते हैं. मोबाइल ब्लाक कर देते हैं. उनसे संपर्क कायम करना पुलिस के लिए हिरोईक टास्क होता है. इन दिनों साइबर सेल के अधिकारी पहले ही " मैं पुलिस आफिसर बोल रहा हूं. " जब पीड़ित को भरोसा हो जाता है. तब पदाधिकारी परिचय देते हैं. मैं जामताड़ा साइबर सेल से अमुक पुलिस पदाधिकारी बोल रहा हूं. आपके एकाउंट से इतना पैसा निकाला गया है. फिर आगे की फोनिक तहकिकात चलती है. ऐसे में चार्जशीट कोर्ट तक पहुंचते पहुंचते पुलिस की बखिया उघर जाता है. लिहाजा एक तय समयावधि में कोर्ट से वैधानिक प्रमाण के अभाव में आरोपी को जमानत मिल जाता है. बावजूद इसके कि पुलिस का कार्रवाई भी अपने ही गति से चल रहा है. आखिर लोगों का अंतिम भरोसा भी तो पुलिस ही है जिन पर विश्वास करना ही पड़ता है.