सावन में भोलेबाबा का चमत्कार ! : जिस बेटे का कर दिया था अंतिम संस्कार..7 साल बाद वह लौट कर घर आ गया.
DANAPUR:-बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर के एक गांव से अजीबगरीब मामला सामने आया है..जिस बेटे का माता-पिता ने अंतिम संस्कार कर दिया था..अब वह बेटा सात साल बाद लौट कर वापस घर आ गया है.. दिल्ली पुलिस की मदद से वापस घर लौटने से परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौटी हैं. माता-पिता के साथ-साथ गांव वाले भी बहुत खुश है.
हम बात कर रहें हैं दानापुर प्रखंड के लखनीबिगहा पंचायत के आशोपुर गांव की ... यहां के निवासी बृजनंदन राय और उनकी पत्नी पियरिया देवी ने बताया कि बेटा बिहारी राय की शादी 2005 में हुई थी.... दो साल के बाद एक पोती भी हुई.... लेकिन बीमारी से पुत्रवधू की मौत हो गई.... पत्नी के मृत्यु के बाद बिहारी मानसिक संतुलन खो दिया और घर छोड़कर चला गया.... लेकिन सात महीने के बाद वह पुनः घर लौट आया.... 2016 में फिर घर छोड़कर चला गया.... इस बार भी थाने में आवेदन देकर हर जगह खोजबीन की, पर कहीं कुछ पता नहीं चला....
इस तरह कई साल बीतने पर गांव के एक ब्राह्मण ने कहा कि आपके पुत्र की आत्मा भटक रही है.... उसे सही स्थान दे दीजिए.... उनके कहने पर विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया... अब बेटा करीब 7 साल बाद वापस आ गया है तो समझिए के बुढ़ापा का सहारा मिला है.सावन के महीने में भोले बाबा ने उनके लिए चमत्कार कर दिया है.जिस बेटे की काफी तलाशी के बाद उसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था..अब वह बेटा सात साल बाद वापस आ गया है.वहीं बिहारी राय अपने गांव आशोपुर स्थित घर पहुंचते ही अपनी मां से लिपटकर रोने लगा...वहीं गांव को लोग भी बिहारी के लौटने की सूचना पाकर दौड़े-दौड़े देखने के लिए पहुंचे.
इस संबंध में लखनी बिगहा के मुखिया शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें फोन कर बताया कि आशोपुर का युवक यहां संस्था में रह रहा है.... मुखिया परिजनों को सूचना देते हुए अपने खर्च पर बिहारी को लाने के लिए तैयार हुआ.... बिहारी को लाने के लिए उसके पिता को भेज गया... दिल्ली से आशोपुर पहुंचते ही बिहारी मां से लिपटकर रोने लगा.... बिहारी ने बताया कि ट्रेन से गिरकर वह जख्मी हो गया था उसका पैर व हाथ काम नहीं कर रहा था.... जब उसे होश आया तो वह अस्पताल में पड़ा हुआ था.... जब कुछ ठीक हुए तो दिल्ली में एक संस्था के हवाले कर दिया गया था..... अब यहां आने से उनके मां-पिता के साथ पूरा परिवार मिल गया है.