BIHAR NEWS : जहर मुक्त अनाज की ओर बिहार, जानिए कैसे बदले किसान?

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पटना : बिहार अब उन अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है,जो रासायन-मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.बिहार सरकार के प्रोत्साहन से राज्य में प्राकृतिक खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है. ताजा आंकड़ों के अनुसार,राज्य के सभी38जिलों में20हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में50हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं.

प्राकृतिक खेती के तहत किसान रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर गोबर,गोमूत्र एवं जैविक घोलों का उपयोग कर रहे हैं,जिससे खेती न केवल कम लागत वाली और टिकाऊ बन रही है,बल्कि आमजन को स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री भी उपलब्ध हो रही है. इस पहल से रासायनिक खादों पर किसानों की निर्भरता में कमी आ रही है.

किसानों को आवश्यक जैविक इनपुट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में266बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) की स्थापना की गई है. साथ ही,किसानों के लिए नियमित रूप से प्राकृतिक खेती से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं,जिनमें उन्हें जीवामृत,बीजामृत,घनजीवामृत,नीमास्त्र और अग्नि अस्त्र जैसे जैविक घोल तैयार करने की विधि सिखाई जा रही है.

फल-सब्जियों की हो रही जैविक खेती

रोहतास,नालंदा और पटना समेत कई जिलों में किसानों ने प्राकृतिक खेती को तेजी से अपनाया है. इस तकनीक से धान और गेहूं के साथ-साथ टमाटर,बैंगन,भिंडी,गोभी,मिर्च जैसी सब्जियों की खेती की जा रही है. वहीं,ड्रैगन फ्रूट,अमरूद,पपीता और केला जैसे फलों का उत्पादन भी प्राकृतिक विधि से किया जा रहा है. इससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी बढ़ी है.

800कृषि सखियां निभा रहीं अहम भूमिका

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत वर्ष2025में शुरू की गई इस योजना को बिहार में उत्साहजनक समर्थन मिल रहा है. किसानों को तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन देने के लिए800कृषि सखियों को तैनात किया गया है,जो खेत स्तर पर किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में सहायता कर रही हैं.

“राज्य के सभी38जिलों में20हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में50हजार से अधिक किसानों का प्राकृतिक खेती से जुड़ना यह दर्शाता है कि हमारे किसान स्वस्थ जीवन और टिकाऊ कृषि के महत्व को समझ रहे हैं. रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के प्रयास सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं.”