बाबा के दरबार में राष्ट्रपति की दूसरी हाजिरी : प्रशासनिक तैयारी पूरी, इस बार क्या लगाएंगी खास अर्जी ?


DESK : भारत की प्रथम नागरिक ही नही पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महामहिम बनने के एक साल के अंदर दूसरी बार बाबा बैद्यनाथ के दरबार में माथा टेकने बुधवार को देवघर आ रही है.2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रह चुकी द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 4 बार बाबा के मदिर में आकर उनकी पूजा अर्चना की थी.
29 फरवरी 2020 को तात्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ बाबा बैद्यनाथ के गर्भ गृह में पूजा कर रही श्रीमति मुर्मू ने कभी कल्पना नही की होगी कि एक दिन बाबा बैद्यनाथ उसी रामनाथ कोविंद की जगह देश का प्रथम नागरिक बना देगें जिनके स्वागत में वह खड़ी हैं. देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगो में 9 वें ज्योतिर्लिंग जिसे मनोकामना लिंग भी कहा जाता है में श्रीमति द्रौपदी मुर्मू चौथी देश की चौथी राष्ट्रपति है जो बाबा बैद्यनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने आ रही है.
इसके पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति डा0 राजेन्द्र प्रसाद के अलावा पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी , रामनाथ कोविंद ने भी बाबा बैद्यनाथ का दर्शन एवं पूजन किया है. 25 जुलाई 2022 को देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने के बाद महामहिम द्रौपदी मुर्मू 14 नबंबर 2022 को बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने आयी थी. 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीद्रौपदी मुर्मू अपने कार्यकाल के समापन के बाद अपने पैतृक राज्य उडीसा लौट गयी थी . 2000 से 2009 तक उड़ीसा के रामरंगपुर विधान सभा क्षेत्र से विधायक और उड़ीसा सरकार में राज्यमंत्री रही श्रीमति मुर्मू ने शायद कल्पना नही की होगी कि वह देश की प्रथम नागरिक बन सकती है.
पूरे देश में मनोकामना लिंग के नाम से विख्यात देवघर पहला ज्योतिर्लिंग है जो शक्ति पीठ भी है. पौराणिक मान्यता और शिवपुराण के मुताबिक यहां मां सती का हृदय कट कर गिरा था जिसके कारण इसे हार्दपीठ भी कहा जाता है.एक साल के अंदर दूसरी बार देवघर आने का फैसला कर द्रौपदी मुर्मू ने यह जरूर संदेश दिया है कि बाबा बैद्यनाथ में उनकी गहरी आस्था है.हालांकि महामहिम के स्वागत के लिये पूरा जिला प्रशासन पलक पांवड़े बिछाये हुए है. लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि आखिर देश के सर्वोच्च पद पर बैठी महिला अब बाबा से कुछ मांगेगी या उन्हें धन्यवाद देने बार - बार आ रही है.
अशोक मिश्रा , कशिश न्यूज .