JHARKHAND NEWS : सरायकेला में अफीम की खेती के खिलाफ जागरूकता अभियान, ग्रामीणों ने लिया प्रतिबद्धता

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Awareness campaign against opium cultivation in Seraikela, villagers took commitment Awareness campaign against opium cultivation in Seraikela, villagers took commitment

सरायकेला :सरायकेला-खरसावां जिला में अवैध अफीम की खेती के रोकथाम के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की सफलता अब साफ तौर पर दिखने लगी है। हाल ही में, पुलिस और ग्रामीणों के बीच एक संयुक्त प्रयास में अफीम की खेती के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया गया।

ग्रामीणों का समर्थन: अफीम की खेती न करने का लिया संकल्प
दलभंगा ओपी परिसर में आयोजित इस बैठक में 40 मौजा के 250 टोलों से लगभग 300 ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान समाज के मुंडा, मुखिया, और प्रबुद्धजन भी मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में अफीम की खेती न करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की उपस्थिति में ग्रामीणों ने अफीम की खेती से दूर रहने की प्रतिज्ञा ली।


अफीम की खेती से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के बाद उन्हें समझ में आया कि अफीम की खेती न केवल कानूनी परेशानियों का कारण बनती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस जागरूकता के तहत, अब एक-एक गांव में जाकर इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, जहां भी अफीम की खेती की जाती है, उसे नष्ट कर दिया जाएगा और ग्रामीणों को इसके दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा।

समाज के मुंडाओं का कड़ा संदेश
समाज के मुंडाओं ने इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि अगली बार अगर कोई किसान अफीम की खेती करता हुआ पाया गया, तो पुलिस-प्रशासन को आगे आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे खुद ही ऐसे किसानों को समाज से बहिष्कृत कर देंगे।

पुलिस प्रशासन की सराहना
इस प्रयास की सराहना करते हुए एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने कहा कि पुलिस के जागरूकता अभियान और कार्रवाई की सार्थकता अब सामने आने लगी है। उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही जिले को अवैध अफीम की खेती से मुक्त कर लिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों से इस अभियान का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने की अपील की।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान
पुलिस का यह प्रयास नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष रूप से अहम है, जहां अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होती है। पुलिस न केवल अफीम की खेती को नष्ट कर रही है, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक कर उन्हें इस प्रथा से बाहर लाने के लिए प्रेरित भी कर रही है।

इस जागरूकता अभियान की सफलता को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरायकेला-खरसावां जिले को अवैध अफीम की खेती से पूरी तरह मुक्त किया जा सकेगा।