औरंगाबाद के लाल ने किया कमाल : ऑटोमोबाइल कबाड़ से बनाया कलाकृति, देख आप हो जायेंगे अचंभित

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औरंगाबाद : उर्दू के प्रसिद्ध शायर अल्लामा इकबाल का एक बहुत ही पॉपुलर शेर है कि “खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से यह पूछे बता तेरी रजा क्या है।” जी हां ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इकबाल साहब के इस शेर के एक एक शब्द को चरितार्थ कर दिखाया है बिहार के लाल ने। ऑटोमोबाइल कबाड़ से बना डाला एक से एक कलाकृति।

पूरा मामला औरंगाबाद शहर के क्लब रोड का है जहां कलाकार शशिकांत ओझा ने ऑटोमोबाइल स्क्रैप से एक से एक अद्भुत कलाकृति बना दी है। शशिकांत ओझा पिछले 6 वर्षों से अपनी इस कलाकृति को परवान दे रहे हैं।शशिकांत सिन्हा कॉलेज के जूलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष स्व जगदीश ओझा के पुत्र है और कोरोना काल मे अपनी माँ की अस्वस्थता के कारण पिछले दो वर्ष जमशेदपुर छोड़कर औरंगाबाद रहकर अपनी कलाकृति को परवान देना शुरू किया।

शशिकांत ओझा ने शहर के दानी बिगहा स्थित स्व सत्येंद्र नारायण सिन्हा पार्क में स्टील स्क्रैप से खूबसूरत एवं विशालकाय घोड़े का निर्माण किया जो पार्क की शोभा बढ़ा रही है।मगर उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनकी इस कलाकृति को पार्क निर्माण में लगे लोगों के द्वारा गौण कर दिया गया और उनकी पहचान छुपा दी गई।मगर उन्होंने जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि जब जिलाधिकारी को मेरे द्वारा निर्मित स्क्रैप कलाकृति की जानकारी मिली तो अपने व्यस्त समय को निकालकर वे मेरे आवास पहुँचे और एक एक कलाकृति को देखा और इसकी सराहना की।

गौरतलब है कि गुमनामी के अंधेरे में जी रहे श्री ओझा को उनकी कलाकृति को पहचान दिलाने में औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने महती भूमिका निभाई। जिलाधिकारी ने कबाड़ से कलाकृति बनाने वाले श्री ओझा से मुलाकात की एवं उनके द्वारा बनाए गए कलाकृतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।जिलाधिकारी ने बताया कि श्री ओझा औरंगाबाद के ये प्रतिभावान कलाकार हैं जिन्होंने फ्रेश एवं जंक मेटल पार्ट्स से कई कलाकृतियों की रचना कर मेक इन इंडिया को सही मायने में परिभाषित किया है। उनके द्वारा हाल ही में ऑटोमोबाइल पार्ट्स का उपयोग कर टाइगर बनाया गया है जो बिल्कुल ही मेक इन इंडिया की लोगो की तरह है।

जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त उनके द्वारा दानी बीघा पार्क में स्टेनलेस स्टील का हॉर्स, पटना इको पार्क में वॉल फिगर, पटना चिड़ियाघर में स्टेनलेस स्टील का बटरफ्लाई, एक अन्य स्थान पर बॉल बेयरिंग की गाय इत्यादि भी बनाई गई है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा जमशेदपुर में भी कई स्कल्पचर बनाए गए हैं।

ओझा ने बताया कि उन्होंने 6 वर्ष पूर्व जमशेदपुर में पहली बार ऐसे ही स्क्रैप बॉल बेयरिंग से शंख बनाया था और एक उसे टाटा स्टील कम्पनी के एक वरीय अधिकारी ने काफी पसंद किया और अपने यहां लगने वाले प्रदर्शनी में आने का न्योता दिया। ओझा ने बताया कि जब उनके न्योते पर प्रदर्शनी में शामिल हुआ तो मेरी कलाकृति को काफी पसंद किया गया और उसकी सराहना प्रदर्शनी में आए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने भी की।


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