सर्वदलीय बैठक खत्म : जातीय गणना की रिपोर्ट पर BJP समेत कई दलों ने गिनाई खामियां, कहा : हड़बड़ी में हुई कई गड़बड़ी

Edited By:  |
Reported By:
 All party meeting on caste census REPORT ends  All party meeting on caste census REPORT ends

PATNA :जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय में हो रही अहम बैठक खत्म हो गयी है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हो रही इस मीटिंग में कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई है। साथ ही जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर भी कई सवाल खड़े किए गये हैं। हालांकि, इस बैठक के जरिए ये बातें सामने आयी हैं कि शीतकालीन सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण का आंकड़ा जारी होगा।


"जातीय गणना की रिपोर्ट में कई खामियां"

इस मीटिंग के खत्म होने के बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट में कई खामियां हैं। ये रिपोर्ट जल्दबाजी में जारी की गई है। इसके साथ ही विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जातीय गणना पर बीजेपी ने समर्थन किया। हमारी ही सरकार थी। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ-साथ मुकेश सहनी ने भी सवाल खड़े किए हैं। साथ ही भाकपा-माले ने भी कई खामियों को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है।

आर्थिक-सामाजिक सर्वे का आंकड़ा जारी करने की मांग

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कहा कि सभी दलों ने खामियों को लेकर सवाल खड़े किए हैं तो मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकारा है और जल्द ही खामियों को दूर करने की बात कही है। इसके साथ ही बीजेपी ने आर्थिक डाटा को भी सार्वजनिक करने की मांग की। बैठक में बीजेपी समेत कई दलों ने कई परिवारों का सर्वे नहीं कराए जाने पर सवाल खड़े किए। डाटा लिया नहीं गया और नहीं सर्वे किया गया। ये जातीय गणना है या फिर जातीय सर्वे हैं, इसपर सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए।

इस बैठक के दौरान AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने भी सवाल खड़े किए और कहा कि अल्पसंख्यकों को उनका हक़ नहीं मिला। रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़े। वहीं, CPM विधायक अजय कुमार ने कहा कि जातीय गणना का रिपोर्ट जारी हुआ है लेकिन जरूरी है कि आर्थिक सर्वेक्षण का रिपोर्ट जारी हो ताकि उसके आधार पर आगे का काम हो सके।

बैठक के दौरान बोले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

वहीं, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना के पीछे मेरी धारणा बहुत पहले से रही है। साल 1990 में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी ने मुझे जातीय आधारित गणना की आवश्यकता को समझाया था। मैं मधु लिमये जी और तत्कालीन वित्तमंत्री मधु दंडवते जी से मिला था। उसके बाद मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह जी से मिला और इस पर चर्चा की थी लेकिन उस वक्त जनगणना पहले से ही शुरू हो चुकी थी। इस कारण उसमें कोई बदलाव नहीं हो सका।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में सभी वर्गों की डिटेल जानकारी दी गई है। पूरे तौर पर ठीक ढंग से सर्वे किया गया है। हर जाति की जानकारी दी गई है। अब रिपोर्ट आने के बाद सभी दलों की राय से हमलोग राज्य के हित में इस पर काम करेंगे। राज्य के सभी लोगों के उत्थान के लिए इस पर आगे विचार-विमर्श किया जाएगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2019 से हम जाति आधारित गणना कराने के लिये प्रयासरत थे। हम चाहते थे कि 2021 की जनगणना जो हर दस वर्ष में होती है, जातीय आधार पर हो। 18 फरवरी 2019 को बिहार विधानसभा एवं बिहार विधान परिषद् द्वारा जनगणना जातीय आधार पर कराने हेतु केन्द्र से सिफारिश करने की संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया गया। 27 फरवरी 2020 को बिहार विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से केन्द्र सरकार से जनगणना 2021 जातीय आधार पर कराने के अनुरोध का प्रस्ताव पारित किया गया।

23 अगस्त 2021 को सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ हमने प्रधानमंत्री से मिलकर जाति आधारित गणना कराने का अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। फिर हमने निर्णय लिया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी। 1 जून 2022 को विधानमंडल के सभी 9 दलों की बैठक बुलाई गयी, जिसमें सभी दलों के नेताओं ने जाति आधारित गणना पर अपनी सहमति दी। 2 जून 2021 को मंत्रिपरिषद द्वारा इसे पारित किया गया।

जाति आधारित गणना दो चरणों में कराया गया। प्रथम चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी 2023 के दौरान सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। इसके पश्चात् द्वितीय चरण का पूरा सर्वे 15 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023 तक पूर्ण करना था लेकिन कई प्रकार की समस्याएं आयीं। अंततः सर्वेक्षण का कार्य 5 अगस्त 2023 को पूर्ण कर लिया गया। उसके बाद संपूर्ण आंकड़े संग्रहित किए गये। जाति आधारित गणना का काम पूर्ण होने के बाद बापू के जन्मदिन के शुभ अवसर 2 अक्टूबर को आंकड़ों को जारी किया गया।