उत्तर प्रदेश : सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से ही सम्भव है, स्वच्छ राजनीति व मजबूत राष्ट्र की परिकल्पना: कृष्णा नन्द पाण्डेय
VARANASI: धरोहर संरक्षण सेवा संगठन ने सनातन विस्तार के उद्देश्य को लेकर अनवरत चल रहे संस्कृति संवाद यात्रा की बैठक चंदौली जिला के चकिया आई.टी.आई. में आयोजित हुआ. वही मुख्य वक्ता के रूप में संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा किसी राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की प्राण होती है. जहां हमारी संस्कृति कमजोर हुई. वो भू-भाग इस राष्ट्र से अलग हो गया.
सनातन जानना तभी संभव, जब हम वेद, पुराण और धर्म ग्रंथों का करेगे अध्ययन: पांडेय
सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए सनातन संस्कृति को जानना होगा, यह संभव तभी होगा जब हम वेद, पुराणो, और अपने धर्म ग्रंथों का अध्ययन अपनी दिन चर्या मे लायेंगे और अध्ययन से ज्ञात होगा कि हमारी संस्कृति शस्त्र व शास्त्र दोनों हमारा आत्मगौरव है. हर सनातनी को अपने संस्कृति के विस्तार के लिए एकजुट होकर कार्य करने की ज़रूरत है. संस्कृति विस्तार से ही हर सनातनी को गर्व की अनुभूति होगी,इसके लिए हर व्यक्ति को सनातन विस्तार योद्धा बनना होगा,अपने आत्मगौरव की रक्षा व विस्तार के लिए सनातन संस्कृति के केन्द्र मन्दिरो को दिव्य स्वरूप मे लाना होगा.
अपनी संस्कृति व धरोहर की रक्षा के लिए योद्धा तैयार करना जरूरी: प्रतीक पांडेय
वही प्रतीक पाण्डेय ने कहा हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान देकर संस्कृति व राष्ट्र को बचाया. जिन सभ्यताओ ने अपनी संस्कृति व धरोहर की रक्षा के लिए योद्धा नहीं तैयार किए उनकी संस्कृति व धरोहर नष्ट हो गयी. शस्त्र व शास्त्र दोनों मे पारंगत हर सनातनी होगा तभी मानवता व सनातन की रक्षा हो पाएगा. वही इस अवसर पर उपस्थित डा. अरविन्द पाण्डेय ने कहा अभी समय है अवसर है. हर सनातनी को अपनी सुरक्षा के बारे मे सोचने का भारत का हर सनातनी हिन्दू जब योद्धा बनेगा तभी सनातन संस्कृति का विस्तार होगा.
(राहुल कुमार की रिपोर्ट)